Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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चुगलखोर । ३८५)
पुरणियो वाला गोल कंकड़। गिट्टक । गिट्टी। रखना। ३. ईंट या पत्थर को एक के २. मुसलनान।
ऊपर एक रखकर दीवाल उठाना। ४. चुगलखोर-(वि०) चुगली खाने वाला ।। चुगना । बीनना। चुगल ।
चुणाई-(ना०) १. चुनने का काम । २. चुगळणो-(क्रि०)मुंह में इधर-उधर करते हुए
चुनने की मजदूरी। किसी वस्तु को चूसते रहना। चूसना ।।
चुणाणो-दे० चुणावणो। चुगलाळ-(न०बहु०व०) मुसलमान लोग।
चुणाव-(न०) चुनने का काम । चुनाव । 3
२. पसंदगी। (वि०) चुगलखोर ।
चुणावणो-(क्रि०)चुनवाना । २ चुगवाना। चुगलियो-दे० चुगल ।
चुनड़ी-दे० चूनड़ी। चुगली-(ना०) १. शिकायत । २. पीठ पीछे
चुनाळ-'न०) मुसलमान । की जाने वाली शिकायत ।
चुनियो-दे० चुणियो। चुगलीखाणो-(मुहा०)१. शिकायत करना।
चुनोती-(ना०) १. ललकार । २. उत्तेजना। २. किसी की झूठी बात कहना । ३. अनु
३. चेतावनी। पस्थिति में निंदा करना।
चूप-(वि०) खामोश । मौन । शांत । चुगलीखोर- दे० चुगलखोर ।
चुपकै-(क्रि०वि०)१. चुपचाप । चुप रहकर । चुगाणो-(क्रि०) पक्षियों को दाना डालना।
२. धीरे-धीरे । ३. छिपे-छिपे । गुप्त रूप चुगाना। चुगावणो-दे० नुगाणो।
चुपको-(वि०) शांत । मौन । चूगी-दे० चुग ।
चुपचाप-दे० चुपके। चुगो-(न०) चिड़ियों का दाना । चुग। चुपड़णो-दे० चोपड़णो। चुग्गो-दे० चुगो।
चुपड़ाणो-(क्रि०) किसी वस्तु को घी-तेल चुटकलो-(न०)१. विनोद पूर्ण छोटी बात। आदि स्निग्ध पदार्थ से तर करवाना । २. विनोदपूर्ण उक्ति । चुटकला । ३. दवा चुपड़ावणो-दे० चुपड़ाणो । का गुणकारी नुसखा । फकीरी नुसखा। चुबकी-(ना०) डुबकी। गोता। चुभकी। चुटकी-(वि०) चुटकी भर । थोड़ा । (ना०) चुबकी मारणो-(मुहा०) डुबकी लगाना। १. अंगूठे और अंगुली को चिटकना। चूबी-दे० चुबकी।
... २. चिटकाने का शब्द ।
चुबी मारणो-दे० चुबकी मारणो। . चूट्रो-(न०) स्त्री के बालों की चोटी। चुभयो-(क्रि०) १. चुभना । बसना । २. चोटलो।
खटकना। प्रखरना। ३. दिल में खटचुड़लाळी-(ना०) १. सधवा । सुहागिन । कना । व्यथा उत्पन्न करना। सौभाग्यवती स्त्री । २. पत्नी। (वि०) चुभाणो-(क्रि०) १. चुभाना। फंसाना । चूड़ा पहनी हुई। चूड़ेवाली।
२: दिल में खटक उत्पन्न करवाना। चूड़लो-दे० चूड़ो।
चुभावरणो-दे० चुभाणो। चुड़ेल-(ना०) १. पिशाचिनी। भूतनी। चुरड़ो-दे० चुल्लो। : . डाकण । २. क्रूर स्त्री । चुई ल। ३. चुरणियो-(न0) मानव-विष्ठा में उत्पन्न दुष्टा । (वि०) चूड़ा पहनी हुई । चुड़े ल। होने वाला एक बारीक 'कीड़ा। मनचुणगो-(त्रि०) १. चुनना। २. क्रम से कीट । विष्ठा-कीट । चुनियो ।
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