Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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पुरळो
(३८६) चूरळो-दे० चुल्लो।
चुंगी-दे० चूगी। चुरस-(वि०) १. श्रेष्ठ । २. सुन्दर। चुंघावरणो-दे० चूधावणो। चुराणो-(क्रि०)चोरी करना । चुराना। चुंबक-(न०) वह पत्थर या धातु जो लोहे चुळ-(ना.) १. खुजली। २. कामेच्छा। को अपनी ओर खींचती है। (वि०)
३. अवांछनीय काम करने की प्रवृत्ति। चुंबन करने वाला। ४. इस प्रकार का काम करना जिससे चुबन-(न०) बोसा । वाल्हो । पिटाई होने की नौबत आये। चुंहटियो-(न०) चुटकी। चूंटियो । चूंग. चुळणो-(क्रि०) १. शरीर का ढीला पड़ना। टियो । शिथिल हो जाना । २. अधिक समय तक चूक-(ना०) १. भूल । गलती। त्रुटि । २. पड़े रहने के कारण हलवे, खिचड़ी आदि दोष । ऐब । ३.कसूर । अपराध । दोष । का बदबू देकर पानी छोड़ देना। ३. ४. कपटपूर्ण प्रायोजन । षड्यंत्र । ५. हिलना । खिसकना । ४. खुजली चलना। धोखा। छल । ६. छिप कर मारना। ५.पतन होना । अवनत होना । ६.सन्मार्ग घात । ६. असावधानी। ८. न्यूनता । से हटना । कुमार्ग की ओर प्रवृत्त होना।
कमी। प्रथभ्रष्ट होना।
चकणो-(क्रि०)१. चूकना । २. भूल जाना। चुळबुळ-(ना०) चंचलता।
३. भूल होना। ४. काम को समय पर चुळबुळो-(वि०) चंचल । .
नहीं कर सकना । अवसर खोना। ४. चुळवळ-(क्रि० वि०) १. चुल्लू से। २.
वंचित रहना । ६. पथ भ्रष्ट होना । ७. चुल्लू में रक्त भर कर के । (न०)१.चुल्लू ।
निपटना। तै होना। चुकारा होना। २. रक्त । खून ।
८. कसर रखना । कमी रखना । चुळवो-दे० चुल्लो। चुळियोड़ी-(वि०) १. जिसकी जवानी ढल
चूको-(न०) १. एक घास । २. एक भाजी।
त गई हो। २.जिसका शरीर शिथिल हो गया ।
शाक । ३. तंबाकू का पत्ता । जरदो। हो (स्त्री)। ३.पथ भ्रष्ट । ४. डावांडोल ।
सूको। चुळियोड़ो-(वि०) १. पथ भ्रष्ट । २. विच
चूची-(ना०) स्तन की घुडी। चूचुक । : लित । ३. शिथिल ।
कुचाग्र । बीटरगी।
चूजो-(न०) मुर्गी का बच्चा। चूजा । चुल्लो-(न०) चुल्लू । चुळवो।
चूड़-(ना०) १. स्त्री के हाथ का एक गहना। चुवरणों-(क्रि०) १. चुअना । टपकना ।
२. कलाई की चूड़ियों के आकार का रिसना । २. बूद बूद गिरना।
विधवा के हाथ का एक गहना । चुसकी-(नां०) १. सुड़क कर पीने की। क्रिया। २ घूट । ३. मद्यपात्र । चुसकी।
चूड़ाळी-(वि०) १. चूड़ा पहनी हुई। २.
चूड़ा वाली। सौभाग्यवती । सधवा । चुस्त-(वि०) १. फुरतीला। २. मजबूत ।।
सुहागरण । चुड़लाळी । चुहियो-(न) १. शरीर के किसी पीड़ित भाग को गरम शलाका द्वारा दग्ध करने
चूड़ाळो-(न०) प्रसिद्ध वीर विजयराव भाटी की क्रिया । डंभन क्रिया । डाम ।
का विरुद। .. २. इस प्रकार जलाने से बनने वाला
चूड़ी-(ना.) १. स्त्रियों के हाथ में पहिनने निशान। जाम । ठाडो।
का सोने या चांदी का एक गहना । २. चुगल-(न०) पंजा। चंगुल ।
सौभाग्य सूचक कंकण । ३. हाथी दांत
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