Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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चाँच ( ३७५ )
चाँपो चांच-(ना०) १. चोंच । चंचु । २. चोंच के चाँदमारी-(ना.) १. कपड़े, तख्ते प्रादि
जैसी नोकदार चीज । ३. वह लंबी लकड़ी पर बने चंद्र चिन्ह पर गोली मारने का जिसमें कुएँ से पानी निकालने की ढेकली अभ्यास । २. चाँदमारी का मैदान । बँधी रहती है । ४. कुएँ से पानी निकालने चाँदसूरज-(न०) १. स्त्रियों का एक सिरोका एक यंत्र । ढ्कली। ५. बैलगाड़ी के भूषण । २. चन्द्र और सूर्य । आगे का नोकदार भाग।
चाँदी-(ना.) १. रौप्य । रूपो। रजत । चाँचड़-(न०) १. पिस्सू । २. खेत में खड़ी २. व्रण । छाला। छाळो । ३. व्रण से फसल।
उत्पन्न चट्टा । व्रण का सफेद निशान । चाँचदार-(वि०) चोंचवाला।
४. घाव । जख्म । ५. माल । धन । चांचाळी-(ना०) गिद्धनी। (वि०) चोंच। रुपया-पैसा। वाली।
चाँदी करणो-(मुहा०) अन्याय के विरुद्ध चाँचाळो-(वि०) चोंच वाला।
धरना देकर शस्त्र के प्रहार से आपघात चाँचियो-(न०) १. चोर । २. उचक्का ।
करना या खून निकालना। दे० खाळिया
करणो। ३. डाकू।
चाँदी पड़णो-(मुहा०) घाव पड़जाना । चाँटी-(ना०) १. दौड़ । २. सहायता । ३. बेगार । ४. सेवा । ५. दासी । चेटी।।
चाँदी वरसणो-(मुहा०) खूब आमदनी
होना। चाँडाळ-दे० चंडाळ । चाँतरी-(ना०) चबूतरी । चूतरी।
चाँदो-(न०) १. चाँद । २. एक लोक गीत ।
चाँदोड़ी रुपियो-(न0) एक प्राचीन मेवाड़ी चाँतरो-(न०) चबूतरा । चूतरो।।
सिक्का । चाँद-(न०) १. चन्द्रमा । चद्र । २. स्त्रियों
चाँद्रायण-(न०) चंद्रमा के घटने-बढ़ने के के सिर का एक आभूषण । ३. मोर पंख
अनुसार कम ज्यादा कौर खाने का एक के शीर्षस्थ चौड़े भाग के बीच की चंद्रिका ।
कठोर मासिक व्रत, तप या अनुष्ठान । ४. निशाने मारने का लक्ष्य ।
चाँप-(ना०) १. किसी यंत्र को चलाने या चाँदडलो-(न०) चाँद । चन्द्रमा ।
बंद करने की कल । कमान । २. दबाव । चाँदणी-(न०) १. चंद्रना का प्रकाश ।।
३. ध्यान । खयाल । ४. उतावल । चाँदनी। ज्योत्स्ना । २. वस्त्रों के ऊपर शीघ्रता। ओढ़ने का परदानशीन औरतों का एक चाँपण-(ना०) १. किसी समतल वस्तु या विशेष वस्त्र। ३. चंदोवा । ४. हाथ से वस्तु के समतल भाग को बिलकूल सपाट रंगे छपे मोटे कपड़े का एक बिछावन । करने का एक अौजार । २. दबाने का मोटे कपड़े की दरी । जाजम । ५. छत औजार या कल । ३. खुशामद ।। के ऊपर मैड़ी के आगे का छपरे वाला चाँपणो-(क्रि०) १. हाथ-पैरों की चंपी खुला भाग । ६. बिछावन या खाट पर
करना । २. दाबना । दबाना । ३. खुशाबिछाई जाने वाली चादर ।
मद करना । राजी करना । ४. अधिकार चाँदरणीरात-(ना०) चन्द्र के प्रकाश वाली ___ करना । कब्जा करना। ५. डराना । रात।
भय दिखाना। चाँदणो-दे० चानणो ।
- चाँपो-(न०) १. गो-समूह । गायों का झुंड । चाँदरणो पख-(न०) शुक्ल पक्ष ।
गोहर । २. चंपा का वृक्ष ।
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