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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चाँच ( ३७५ ) चाँपो चांच-(ना०) १. चोंच । चंचु । २. चोंच के चाँदमारी-(ना.) १. कपड़े, तख्ते प्रादि जैसी नोकदार चीज । ३. वह लंबी लकड़ी पर बने चंद्र चिन्ह पर गोली मारने का जिसमें कुएँ से पानी निकालने की ढेकली अभ्यास । २. चाँदमारी का मैदान । बँधी रहती है । ४. कुएँ से पानी निकालने चाँदसूरज-(न०) १. स्त्रियों का एक सिरोका एक यंत्र । ढ्कली। ५. बैलगाड़ी के भूषण । २. चन्द्र और सूर्य । आगे का नोकदार भाग। चाँदी-(ना.) १. रौप्य । रूपो। रजत । चाँचड़-(न०) १. पिस्सू । २. खेत में खड़ी २. व्रण । छाला। छाळो । ३. व्रण से फसल। उत्पन्न चट्टा । व्रण का सफेद निशान । चाँचदार-(वि०) चोंचवाला। ४. घाव । जख्म । ५. माल । धन । चांचाळी-(ना०) गिद्धनी। (वि०) चोंच। रुपया-पैसा। वाली। चाँदी करणो-(मुहा०) अन्याय के विरुद्ध चाँचाळो-(वि०) चोंच वाला। धरना देकर शस्त्र के प्रहार से आपघात चाँचियो-(न०) १. चोर । २. उचक्का । करना या खून निकालना। दे० खाळिया करणो। ३. डाकू। चाँदी पड़णो-(मुहा०) घाव पड़जाना । चाँटी-(ना०) १. दौड़ । २. सहायता । ३. बेगार । ४. सेवा । ५. दासी । चेटी।। चाँदी वरसणो-(मुहा०) खूब आमदनी होना। चाँडाळ-दे० चंडाळ । चाँतरी-(ना०) चबूतरी । चूतरी। चाँदो-(न०) १. चाँद । २. एक लोक गीत । चाँदोड़ी रुपियो-(न0) एक प्राचीन मेवाड़ी चाँतरो-(न०) चबूतरा । चूतरो।। सिक्का । चाँद-(न०) १. चन्द्रमा । चद्र । २. स्त्रियों चाँद्रायण-(न०) चंद्रमा के घटने-बढ़ने के के सिर का एक आभूषण । ३. मोर पंख अनुसार कम ज्यादा कौर खाने का एक के शीर्षस्थ चौड़े भाग के बीच की चंद्रिका । कठोर मासिक व्रत, तप या अनुष्ठान । ४. निशाने मारने का लक्ष्य । चाँप-(ना०) १. किसी यंत्र को चलाने या चाँदडलो-(न०) चाँद । चन्द्रमा । बंद करने की कल । कमान । २. दबाव । चाँदणी-(न०) १. चंद्रना का प्रकाश ।। ३. ध्यान । खयाल । ४. उतावल । चाँदनी। ज्योत्स्ना । २. वस्त्रों के ऊपर शीघ्रता। ओढ़ने का परदानशीन औरतों का एक चाँपण-(ना०) १. किसी समतल वस्तु या विशेष वस्त्र। ३. चंदोवा । ४. हाथ से वस्तु के समतल भाग को बिलकूल सपाट रंगे छपे मोटे कपड़े का एक बिछावन । करने का एक अौजार । २. दबाने का मोटे कपड़े की दरी । जाजम । ५. छत औजार या कल । ३. खुशामद ।। के ऊपर मैड़ी के आगे का छपरे वाला चाँपणो-(क्रि०) १. हाथ-पैरों की चंपी खुला भाग । ६. बिछावन या खाट पर करना । २. दाबना । दबाना । ३. खुशाबिछाई जाने वाली चादर । मद करना । राजी करना । ४. अधिकार चाँदरणीरात-(ना०) चन्द्र के प्रकाश वाली ___ करना । कब्जा करना। ५. डराना । रात। भय दिखाना। चाँदणो-दे० चानणो । - चाँपो-(न०) १. गो-समूह । गायों का झुंड । चाँदरणो पख-(न०) शुक्ल पक्ष । गोहर । २. चंपा का वृक्ष । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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