Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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गोधम
गोडो-चाळणो गोडो वाळणो- (मुहा०)दे० गोडोवळावणो। पुरुष के नाम के अनुसार उस कुल की गोढ-(न०) १. वृक्ष का तना । थड़। २. संज्ञा । २. वंश । कुल । ३. संतान । मूला । मूली । ३. जड़ । मूल ।
गोत्र-कदंब-दे० गोतकदम । गोढलो-(वि०)निकट का । पास का।
गोत्रजण-(ना०) पड़िहारों की कुलदेवी । गोढवाड़-(न०) मारवाड़ के पाली जिले का गोत्रात-(न०) गोत्रिरात्र नाम का स्त्रियों दक्षिण-पूर्वी प्रदेश।
__ का व्रत जो भादौं शुक्ल पक्ष की सप्तमी, गोढवाडी-(वि०) १. गोढवाड प्रदेश का अष्टमी और नौमी को किया जाता है।
गोविरात्रि। रहने वाला । २. गोढवाड़ का । गोढवाड़
गोथरणी-(ना०) १. बैलगाड़ी के जुए में सम्बन्धी। गोढारण-दे० गोढवाड़।
लगने वाली लकड़ी की कील जो बैल की गोढाँ-दे० गौढे।
गरदन को अंदर की ओर जाने से रोकती
है। २. द्राक्षा । बड़ी दाख । गोढे-(क्रि०वि०) पास । निकट । कनै।।
गोथरणो-(न०) जुग्रा (धूसरी) को बंद करने गोण-(न०) १. आसमान । २. गमन ।
की लकड़ी की एक कील । गोथरणी । जाना। गोणो-(न०) गौना । द्विरागमन । प्राणो ।
(क्रि०) गोथरणी से बंद करना । गोत-(ना०) १. गोत्र । २. वंश । कुल ।
गोथळी-(ना०) थैली । कोथली । ३. डुबकी। ४. बहाना । ५. तलाश ।'
गोद-(ना.) १. क्रोड़। उत्संग । अंचल । खोज ।
खोळो। २. कोड़ांग का वस्त्र भाग । ३. गोतकदम-(ना०) गोत्र हत्या । कुल-हत्या।
दत्तक प्रणाली । ४. दत्तक । गोत खाणो-(मुहा०) नट जाना । मुकर
गोदड़ी-(ना०) गुदड़ी । गूदड़ी। जाना।
गोदड़ो-(न०) फटे-पुराने चिथड़ों का गोतणो-(क्रि०) तलाश करना । ढूंढ़ना ।।
बिछौना । गुदड़ा। गोदड़ा। गोतभाई-(न०) एक ही गोत्र में उत्पन्न
गोद लेणो-(मुहा०)निःसंतान होने की दशा व्यक्ति।
में अपने किसी गोत्री के पुत्र को शास्त्र गोतर-दे० गोत्र ।
विधि अनुसार अपना पुत्र स्वीकार गोतियो-(न०) १. गाय, भैंस आदि के लिये
करना । खोळ लेणो । २. बच्चे को कमर बाजरी, ग्वार, खल और कुतर आदि के
__ में उठाना । तेडरणो। मिश्रण (वाँटो) को पकाने का चूल्हा व
गोदान-(न०) गाय का दान । पात्र (हाँडो) । (वि०)समान गोत्र वाला।
गोदाम-(न0) माल रखने का वखार ।
गोडाउन । गोदाम ।। गोत्रज । गोती-(वि०) १. गोत्र वाला । २. स्वगोत्री।
गोदावरी-(ना०) दक्षिण भारत की एक
पवित्र नदी। गोतीत-(वि.) इन्द्रियातीत ।
गोदी-(ना०) १. क्रोड़ । उत्संग । २. गोतो-(न०) १. व्यर्थ का चक्कर । फेरा । गोदाम । भखार । वखार ।
माटो। २. मार्ग भूलकर इधर-उधर गोधरण-(न०) गायों का समूह । गोधन । फिरते रहने की क्रिया । चक्कर । ३. गोधन-(न०) १. गायें रूपी धन-दौलत । डुबकी। गोता।
२. गोवृन्द । गोत्र-(ना०) १. किसी ऋषि के नाम से गोधम-(न०) १. होहल्ला । २. झगड़ा
पहिचाने जानेवाला कुल । कुल के मूल टंटा । ३. कलह । ४. गृह कलह ।
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