Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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(३४४ )
घर मंडण घर-(न०) १. मनुष्य का रहने का स्थान। बहुत अधिक ।
मकान । घर । गृह । आवास । २. घरटियो-दे० घटोलियो। किसी वस्तु का कोष । आवरण । ३. घरटी-(ना०) आटा पीसने की चक्की । कुल । वंश । ४. वस्तु रखने का कोठा। घट्टी। खाना। ५. चौपड़, शतरंज आदि का घरणी-(ना.) १. गृहिणी। पत्नी । २. खाना। ६. कोठरी । ७. जन्म स्थान । स्त्री । लुगाई।। ८. जन्म कुंडली में ग्रह विशेष का स्थान। घर दीवो-(न०) वंश का दीपक । वंश को ९. मूल कारण । जैसे-'रोग रो घर प्रकाशित करने वाला । पुत्र । खांसी।'
घर-धरण-(ना०) १. स्वपत्नी । २. घर की घर-आँगणो-(न०) १. घर का आँगन । स्वामिनी ।
२. अति परिचित और निकट का स्थान। घर-धणियाणी-(ना०) १. पत्नी । २. घर
३. बार बार आते जाते रहने का स्थान। की मालकिन ।। घरकोलियो-(न०) १. छोटा और कच्चा घर-धरणी-(न०) १. पति । २. गृहस्वामी । घर । २. अवदशा को प्राप्त हुआ घर । ३. मकान का मालिक । ३. पांव के पंजे पर गीली मिट्टी थपथपा घरनार-(ना०) पत्नी । लुगाई। कर बच्चों द्वारा बनाया हुआ विवर। घरनाळो-(म०) मिट्टी का पकाया हुआ घर-खरच-(न०) १. घर वालों का निर्वाह नल जैसा फुट डेढ़ फुट का एक टुकड़ा । करने में होने वाला खर्च । २. घर में या परनाळो । घरनाला। घर के संबंध में होने वाला खर्च । घरबार-(न०) १. बाल बच्चे वगैरह । घरखर्च ।
घर-गिरस्ती। २. घर की चीज वस्तु । घरगतु-(वि०) १. जो घर के उपयोग के माल-मिल्कीयत । लिये बना हो । २. जो बेचने के लिये घरबारी-(वि०) १. घर वाला । २.
नहीं बनाया गया हो । ३. खानगी। संसारी । गृहस्थी। घर गरणो-(म0) विधवा का पुनर्लग्न। घरबीती-(वि०) खुद में बीती हुई । (ना०) __ नातो । नातरो।
निजी तथा घर के सुख-दुख की बात । घर-घर-(अव्य०) प्रतिघर ।
'पर बीती' का उलटा। घर जमाई-(न०) १. वह व्यक्ति जो ससुर घर बूडो-(वि०) घर को नष्ट करने वाला।
का आश्रित होकर ससुराल में ही रहे। घर घालक। २. वह व्यक्ति जो अपनी प्रथा के अनुसार घर भेदू-(वि०) १. घर का भेद जानने विवाह संबंध के निमित्त अपनी ससुराल वाला । २. घर का भेद जानकर चारी
में रहने के लिये बाधित होता है.। करने वाला । ३. घर का भेद खोल कर घरजाम-(वि०) घर में जन्म लिया हुआ
(गोद पाया हुआ नहीं ।) २. विवाहिता घरमंड-(न०) १. धन । सम्पत्ति । २. घर पत्नी से उत्पन्न । औरस ।
का स्वामी । गृहपति । ३. पति । ४. कुल घरट-(न०) भैसे द्वारा चलाई जाने वाली की शोभा ।
चूना पीसने की बड़ी चक्की । घट्टा । घरमंडण-(न०) १. स्वामी। पति । २. घरट्ट । २. घेरा। ३. समूह । (वि०) घर की शोभा । ३. पुत्र । ४. कुल
दगा देने
वाला।
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