Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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पांसाड़ (३४९)
घुटाई घाँसाड़-दे० घांसाहर।
घीनड़-(न०) शेखावाटी में होली-त्यौहार घाँसाड़ो-(वि०) वीर । बहादुर । (न०) के दिनों में पुरुषों द्वारा खेला जाने वाला १. सेनापति । २. योद्धा ।
एक डंडिया नृत्य । गीदड़ रास । घाँसाहर-(ना०) १. सेना। फौज । २. घीनरो-(न०) फटा-पुराना और मेला समूह । ३. वीर । ४. सिंह । ५. युद्ध ।
।
कपड़ा। घाँसाहरो-(न०) १. सेनापति । २. योद्धा। घी पीणो-(मुहा०) किसी काम को सुगम
समझना। घिनड़ो-(न०) १. घास, लकड़ी बेचने वाली जाति का व्यक्ति । २. गंदा रहने वाला
घी रा दीवा बळरणा-(मुहा०) १. अत्यन्त व्यक्ति ।
वैभवशाली बनना । २. वैभव का उपभोग
करना । घिरणो-(क्रि०) १. लौटना । फिरना । २.
घी री नाळ देणी-(मुहा०) मोटे बांस की गई हुई या खोई हुई वस्तु का प्राप्त
नली को घी से भर कर गाय, भेंस, ऊंट होना। ३. घिर जाना। प्रावृत्त होना।
आदि के मुह में डालकर पिलाना । ३. एकत्रित होना।
घी री माखी-(वि०) १. घृणित । २. घिरत-(न०) घृत । घी।
उपेक्षित । घिरोळो-(न०) डर के कारण मन में उठने
घीलोड़ी-(ना०)घृतपात्र । घी की लुटिया । __ वाला वेग । २. चक्कर । ३. बेहोशी।।
घीसगो-दे० घींसहो। घिलोड़ी-दे० घीलोड़ी।
घींचरणो-(क्रि०) १. खींचना । २. घसीटना। घिसणो-(क्रि०) १- घिसना। रगड़ना ।
घींचीजणो-(क्रि०) १. खींचा जाना । घिसारणो-दे० घिसावणो।
२. घसीटा जाना। घिसारो-दे० घसारो।
घींसरणो-(क्रि०) घसीटना। घिसावणो-(क्रि०) घिसाना । घिसवाना ।
घींसार-(न०) १. मार्ग । २. विकट जगह घिस्सो-(न०) झाँसा । जुल । धोखा ।।
____ में बनाया हुआ मार्ग । घी-(न०) घृत । घी । तूप ।
घींसाळी-(ना०) १. हल को पाड़ा रख घी-खीचड़ी-(ना०) १. समान संबंध । २.
कर के (घर से खेत और खेत से घर प्रेम संबंध । ३ लाभ ।। घी-खीचड़ी रो मेळ-(मुहा०) १. लाभ ।
तक बैलों द्वारा) ले जाने का लकड़ी का २. प्रेम सम्बन्ध । ३. समान सम्बन्ध ।
बनाया हुआ साधन । २. क्यारों में पानी
___पहुँचाने वाली नाली में पानी नहीं ४. मृतक के पीछे किये जाने वाले अनेक टंकों के भ्याति-भोज (मोसर) का घी और
सोखने देने के लिये नाली में चिकनी मिट्टी
लेप करने की क्रिया। खिचड़ी का पहला भोज ।
घुचरियो-(न०) पिल्ला । कूरियो । घी घालणो-(मुहा०) १. हानि पहुँचाना।।
गुलरियो। २. विघ्न डालना।
घुटणो-(कि०) भंग, ठंडाई आदि का घी चोपड़णो-(मुहा०) १- फुसलाना । २..
पिसना। २. दम घुटना । ३. मन ही धोखा देना।
मन दुखी होना । कुढ़ना । (न०) घुटना। घी देणो-(मुहा०) अग्नि संस्कार के समय गोडो। कपाल तोड़कर के उसमें घी डालना। घुटाई-(ना०) घोटने का काम अथवा कपाल क्रिया की विधि करना।
उसकी मजदूरी।
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