Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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धसणे ( ३४६ )
घाघस्याण घसण-(ना०)१. युद्ध । लड़ाई । २. सेना। घंटी-(ना०) छोटा घंटा। फौज । ३. मार्ग।
घंटो-(न०) १. साठ मिनिट का समय । घसरणो-(क्रि०) घिसना । रगड़ना। दिन-रात का चौबीसवाँ भाग। २. धातु घसरको-(न०) १. खरोंच । २. दूसरे के का एक बाजा जो केवल ध्वनि उत्पन्न लिये उठाई जाने वाली हानि और कष्ट। करता है। घंट। बाजा। लिंगेन्द्रिय । ३. बेगार । वेठ । दे० घसारो।
( गाली के रूप में) घसरो-(न०) १. बिना मतलब का काम। घंटो देखावणो-(मुहा०) अंगूठा दिखाना।
व्यर्थ का काम । २. बिना पारिश्रमिक के _इनकार करना। किया जाने वाला काम । ३. हैरानी का घंस-(न०) १. मार्ग। २. बड़ा मार्ग । ३. काम । ४. प्रासंगिक काम । ५. मन को सेना का मार्ग । ४. युद्ध । ५. सेना । ६. नहीं रुचने वाला काम । ६ काम पर संहार । ध्वंस । ७. समूह ।। काम । काम की अधिकता। एक साथ
घंसार-(न०) १. मार्ग। २. नाश । ३. अनेक काम ।
सेना । फौज । ४. युद्ध । (वि०) १. युद्ध घसाणो-दे० घसावरणो।
करने वाला। नाश करने वाला। ३. घसारो-(न०) १. विवशता अथवा लिहाज
पीछा करने वाला। से किसी का मुफ्त में किया जानेवाला
घा-(न०) १. धाव । २. घास । चारा । काम । २. दूसरे के लिये उठायी जाने
३. नाश । वाली हानि । ३. बेगार । ४. हानि ।
घाई-(ना०) ढोल नगाड़े आदि बड़े वाद्यों नुकसान । ५. घिसाई। ६. घिसा जाना ।
का ( दूसरे वाद्यों के साथ ) तालबद्ध छीजन । घटाव ।
वादन । दो वाद्यों के बजने का मिलान । घसावणो-(क्रि०) घिसाना ।
तान । २. ढोल नगाड़े आदि का शब्द । घसियारो-(न०) घासवाला । घसियारा ।
३. अजस्र वादन । बजाते जाना । ४. घसीट-(ना०) १. घसीटने की क्रिया या
किसी वस्तु या बात के लिये लगायी जाने भाव । २. जल्दी की लिखावट । शीघ्र
वालो रटन । अजस्रता । अविच्छिन्नता । लिखावट ।
जैसे-कई घाई लगा दी है, चुप रह । घसीटणो-(क्रि०) १. रगड़ते हुए खींचना ।
५. उतावल । दौड़धूप । १. जल्दी जल्दी में लिखना । जैसा तैसा
घाउ-(न०) १. घाव । २. नाश । (वि०) लिखना। घंट-(न०) १. बड़ी घंटी। घंटो। २. कंठ।
घाव करने वाला । प्रहार करने वाला। (वि०) उस्ताद ।चालाक ।
घाघ-(वि०) १. बहुत चालाक। २. अनुघंटारव-(न०) घंट बजने की ध्वनि ।
भवी । (न०) एक अनुभवी व्यक्ति जिसके घंटाळ-(वि०) जिसके गले में घंट बँधा नाम की वर्षा व कृषि सम्बन्धी कहावतें हुमा हो ।
प्रसिद्ध हैं। घंटाळी-(ना०) घंटिका देवी।। घाघड़दी-(वि०) गहरी । गाढ़ी । घंटियाल-(न०) फोग के छोटे छोटे दानों घाघरी-(ना०) छोटा लहँगा । घघरी ।
(फोगला) के पक जाने की संज्ञा । पका घाघरो-(न०) लहँगा । घाघरा । हमा फागला । फोग मंजरी।
घाघस्यारण-(न०) बाह्मणों का एक भेद ।
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