Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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गोचंदण ( ३३४ )
गोडोवळावण गोचंदण-(न०) गोपीचंदन । (ना०) एक बाग आदि में कसी, फावड़े इत्यादि से
मिट्टी उलट-पुलट करना। प्रकार की गोह । चंदनगोह। गोट-(ना०) १. मगजी। २. चौपड की गाड़-(ना०) १. भीड़ । २. समूह । झड ।
३. नाश । संहार । गोटी । ३. मुभाहट । ४. धुएँ की घटा।
गोड़गो-(क्रि०) १. नाश करना। संहार ५. धूलि की घटा। गर्द । ६. आवेग ।।
। करना । २. हाथी का चिंघाड़ना । मन की तरंग।
गोड़वणो-(क्रि०) १. मारना । नाश गोटको-(न०)जिल्द बंधी हुई छोटी पुस्तक। करना । २. गिराना ।
गटका । २. बिना पकाई हुई इंट। गोडवाड-दे० गोढवाड़। गोटाळो-(न०) १. अव्यवस्था। २. पैसों गोड़ाटी-(ना०) मारवाड़ के नागौर जिले के मामले में गोलमाल।
का भाम । गोटावाळ-(वि०) कर्तव्य भावना से रहित गोड़ा देणो-(मुहा०) १. हानि पहुंचाना ।
२. किसी प्रिय की मृत्यू होना। • होकर किया हुआ (काम) । २. फूहड़पन।।
से किया हुप्रा । ३. जैसा-तैसा किया गोडालकड़ी-(ना०) एक कठोर शारीरिक हुअा।
गोडाळियाँ-(क्रि०वि०) बच्चे का घुटनों गोटी-(ना०) चौपड़ की सारी। चौपड़ या
और हाथों के बल चलने की क्रिया ।। सतरंज का मोहरा । २. गोली। टिकिया।
गोड़ियो-(न0) १. इंद्रजालिक । जादूगर । गोटीजरणो-(क्रि०) १. मुंझाना। २. दम "
घुटना । ३. धुआँ, धूल आदि से भर गोडी-(ना०)१. घुटना । २. घुटने को मोड़ जाना।
कर रस्सी से पैर को बांधने की क्रिया। गोटो-(न०) १. नारियल । २. गोटा गोडी करणो-(मुहा०)१. ऊँट के एक पांव किनारी। ३ मुभाहट । ४. मन की
को घुटने में से ऊपर को मोड़ कर रस्सी तरंग आवेग । ५. घुटन । ६. धुएँ का के द्वारा घुटने से बाँध देना, जिससे वह बादल या घटा।
भाग नहीं सके । २. विवश करना । गोठ-(ना०) १. मित्रमंडली का भोजनोत्सव।
मजबूर करना । ३. विश्राम करना । दावत । गोठ । २. समूह भोज । ३. गोडी ढाळणो-(महा०) १. थक जाना । गोष्ठी । ४. ढारणी । ५. छोग गाँव ।
२. थक कर बैठ जाना । ३. बैठ जाना। गोठ-गूघरी-(ना.) किसी प्रसन्नता या ४. मृतक के घर उसके घर वालों को
उत्सव के समय किया जाने वाला मित्र- सम्वेदना प्रकट करने को जाना । मंडली का भोजन समारोह । महफिल गोडी देणो-(मुहा०) ऊंट के अगले पैर को और दावत । प्रीति भोज ।
घटने से मोडकर रस्सी से बाँधना । गोठरण-(ना०) १. साथिन । स्त्रीमित्र । गोडीख-(10)१. समुद्र । २. समुद्र में उठने २. सखी । सहेली।
वाली लहरों की ध्वनि । गोठियो-(न०) १. मित्र । २. बालमित्र ।।
गोडो-(न०) घुटना। गोठी-(न०) १. बालमित्र । २. मित्र। गोडो वळावरणो-(मुहा०)मुंहकाण कराना। दोस्त ।
मृतक के यहाँ उसके घर वालों को गोड-(नाo) (हाथी की) मस्ती।
सान्त्वना देने व संवेदना प्रकट करने को गोडगो-(क्रि०)१. खुरपी लगाना । २. खेत
जाना।
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