Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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( ३३७ )
गौरण
गोरण - ( ना० ) प्रथम मिलन । सुहागरात । गोरणी - ( ना० ) १. गौरी व्रत उद्यापन की सौभाग्यवती स्त्रियों को दी जाने वाली लहाण (सौगात) गौरिणी । २. व्रत उद्यापन के दिन भोजन के लिये निमंत्रित सौभाग्यवती स्त्री । ३. सौभाग्यवती स्त्री के गौरी व्रत के उद्यापन का भोज । गोरधन दे० गोवर्धन | गोरबंध - ( न० ) १. ऊंट का श्रृंगार करने के लिए उसे पहिनाया जाने वाला फुंदनों और लूमों वाला प्रकार । २. इस संबंध का एक बहुत प्रसिद्ध लोकगीत | 'गोरबंध लूं बाळो' नामक लोक गीत ।
गोरमी - ( न० ) १. बरात को, उसके गोरमे में पहुंच जाने पर कन्यापक्ष की श्रोर से दिया जाने वाला एक स्वागत भोज । २. गाँव के बाहर का मैदान । ३. गाँव के निकट का भाग । ४. गाँव का वह स्थान या मैदान जहाँ गांव की गायें जंगल में चरने को जाने के लिये इकट्ठी होती हैं । गोरल - दे० गणगोर । गोरवो दे० गोरमो ।
गोरस - ( न०) दूध, दही, छाछ, मक्खन आदि
गाय के द्वारा प्राप्त होने वाली वस्तुएँ । गोरहर (न०) जैसलमेर किले का नाम । गोरंग - (वि०) गौर वर्ण का । ( न० ) १.
अंगरेज । २. यूरोपियन ।
गोरंगी - (वि०) गौर वर्ण वाली । सुम्दर ।
( ना० ) अंगरेज स्त्री ।
गोरावो - ( न०) एक जाति का साँप । गोरांगी - दे० गोरंगी ।
गोरांदे - ( ना० ) १. गौरी । पार्वती । २. पत्नी । ३. गौर वर्णवाली स्त्री । गोरी - (वि०) १. गौर वर्ण की । सुन्दर । ( न० ) १. मुसलमान । २. ग्वाला । ( ना० ) गौर वर्ण की स्त्री ।
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मीळवो
गोरीराय - ( न० ) बादशाह ।
गोरू - ( ना० ) गाय । ( न०) गोवंश | (वि०) कायर | डरपोक ।
गोरो - (वि०) गौर वर्ण का । ( न० ) १.
यूरोप का निवासी । २. अंग्रेज । फिरंगी । ३. गोरा भैरव ।
गोरोचन - ( न०) गाय के पित्ताशय से प्राप्त
होने वाला एक सुगन्धित द्रव्य । गोरो - निचोर - (वि०) खूब गोरा । सुन्दर वर्ण का ।
गोळ - ( न०) १. वृत्ताकार । वृत्त । २. समूह ।
। ३. सेना । फौज । ४. शक । संदेह । ५. अंतर । फर्क । ६. षड्यन्त्र । जाल । ७. एक शस्त्र । ८. . घेरा । (वि०) १. वृत्त या चक्र की तरह का । घेरे वाला । २. गेंद या गोले की तरह का । गोल । गोल - ( न० ) १. सेना का मध्य भाग । २. गोला । वर्णसंकर । ३. गोलों का मुहल्ला । ४. दास । सेवक 1
गोलक - ( न० ) १ रुपया पैसा रखने की पेटी । मल्ला । २. वर्णसंकर । गोलो । गोळ गूंथरणो- ( मुहा० ) पड्यंत्र रचना । गोलरण - ( ना० ) गोले की स्त्री । गोली । २. दासी ।
मोलणो- ( न०) १. वर्णसंकर । गोलो । २. दास । नौकर ।
गोळ - मटोळ - (वि०) १. बिल्कुल गोल । २.
अस्पष्ट (बात) | गोळमाळ - ( न० ) १. गोलमाल । २. श्रव्यवस्था । ३. घपला । घोटाला । ४. मिलावट |
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गोळमोळ - (वि०) १. गोल-गोल । बिल्कुल गोल । २. अस्पष्ट । गोळवो - (म०) गेहूँ के आटे का दड़ी के जैसा गोल बनाये जाने वाला एक भोज्य पदार्थं । रोटक । रोटो । बाटी ।