Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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ऊंच
( १६७ )
ऊंदरी
ऊंच-(वि०) १. ऊंचा। उच्च । २. अधिक ऊंचेरो- (वि०) १. तुलना में ऊंचा। ___अच्छा । श्रेष्ठ ।
ऊंचो-(वि०) १. ऊपर । २. लम्बा । ऊंच कुळी-(वि०)ऊंचे कुल का।
३. बड़ा । ४. श्रेष्ठ । ऊंचनीच-(ना०) ऊंचे और नीचे का भेद। ऊंट-(न०) सवारी का एक प्रसिद्ध पालतू
उच्च वर्ण व निम्न वर्ण का भेद । (वि०) पशु । उष्ट्र । उत्कंठ। (वि०) (ला०) १. ऊंचा और नीचा। २. भला और
१. लंबा । २. मूर्ख । बुरा।
ऊंट कंटाळो-(न०) ऊंट के पसंद की एक ऊंचपण-(न०) १. बड़प्पन । ऊंचापना।
___ कटीली घास। २. ऊंचाई।
ऊंटड़ो-(न०) १. बैलों को छोड़ देने पर ऊंचपणो-(न०) दे० ऊंचपण ।
छूटी बैलगाड़ी के जमीन पर टिके रहने ऊचमन-(वि०) १. उदार। २. महत्वा- का आगे के भाग में नीचे लगा हा
मोटा डंडा । २. ऊंट । कांक्षी । ऊंचमनो–दे० उंचमन ।
ऊंट-बाळदो-(न०) ऊंट बैल का संबंध । ऊंचलो-(वि०) ऊपर का।
अनमेल सम्बन्ध । अस्वाभाविक संबंध । ऊचवरण-(न०) १. उच्च वर्ण । द्वि- ऊट-वेद-(न०)१.नीमहकीम । २.धूर्त वैद्य। जाति । २. ब्राह्मण ।
ऊंटादेवी-(ना०) पुष्करणा ब्राह्मणों
की एक देवी । उष्ट्रवाहिनी। ऊंचवहो-(वि०) १. ऊर्ध्वगामी । २. ऊंचे आचरण वाला । श्रेष्ठ आचरण वाला।
ऊंडळ-(न०) ऊपर से गिरती हुई वस्तु ३. उपकारी । ४. उदार ।
को थामने के लिये हथेलियां फैला कर ऊंचाई-(ना०) १. ऊंचापना । उठान ।
ऊपर उठाये हुये हाथ । उदंजलि । २. नीचे के स्तर से ऊंचा होता हुआ
२. ऊपर से गिरती हुई वस्तु को बाहु भाग । ३. बड़प्पन । ४. गौरव ।
पाश या गोद में थाम रखने की क्रिया । ऊंचाण-(ना०) १. चढ़ाव । २. ऊंचा
३. गोद । ४. ऊपर उठाये या फैलाये हुए स्थान । दे० ऊंचाई।
हाथ । ५. बाहुपाश (बाथ) में समावे ऊंचाणो-(क्रि०) दे० ऊंचावणो।
जितनी वस्तु । ६. बाहुपाश । बाथ । (वि०) ऊंचावणो-(क्रि०) उठवाना । ऊंचा १. गहरा । ऊड़ा। २. घिरा हुआ। करना ।
सेना द्वारा घिरा हुआ। (न0) सेना का ऊंचासरो-(वि०) १. यश और स्वाभिमान खूब दृढ़ बना हुया घेरा । घेरा।
के कारण जिसका सिर ऊंचा हो । उच्च ऊंडाई-(ना०) गहरापन । गहराई । शीर्ष । २. सिरे नाम वाला। ऊंची ऊंडारण-(ना०) गहराई। ख्याति वाला । ३. गर्वोन्नत । ४. उच्चा- ऊंडाँत-(ना०) १. नीची भूमि । २. गहशय । ५. उच्चाश्रय (न०)१. पूर्वजों का राई । ३. गम्भीरता।
स्थान । २. मूलस्थान । ३. उच्चैःश्रबा। ऊंडो-(वि०) १. गहरा। २. गम्भीर । ऊंचाँत-दे० ऊचारण ।
३. अगाध । ४. अन्दर से लंबा। ऊंचीतारण-(वि०) उच्चाशय । (ना०)
ऊरण-(न०)इस वर्ष । चालू वर्ष । वर्तमान
वर्ष । १. महत्वाकांक्षी । २. स्वाभिमान तथा ऊंदर-(न०) चूहा । मूसा ।
कुलाभिमान को ऊंचा उठाये रखना। ऊंदरी-(ना०) १. चुहिया। २. पीठ की ऊंचीसरो-३० ऊंचासरो।
नस में गांठ पड़ जाने का एक कष्ट साध्य
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