Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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कुंवर-पछेवड़ो
( २५०)
कूटो आदि के अवसर पर लिया जाने वाला कूकर-(न०) कुत्ता । कूतरो। एक जागीरदारी कर।
कूकरियो-(न०) पिल्ला । कुत्ते का बच्चा । वर-पछेवड़ो-दे० कुवर-नजराणो। गूलरियो। कुवर-पाँवरी-(न०) पुत्री की ओढ़नी के कूकवो-(न०) जोर की अावाज । चिल्ला
नाम पर लिया जाने वाला एक जागीर. हट । दारी कर ।
कूकाऊ-(न०) १. पुकार करने वाला । कूकने वर-माणो-(न०) पुत्र के नाम पर लिया वाला । २. अर्ज करने वाला। जाने वाला एक जागीरदारी कर। कुकी-(ना०) बच्ची । कीकली । कोकी । वर-सूखड़ी-(न०) कुवर के भोजन के गोगी । गोगली। निमित्त लिया जाने वाला एक जागीरदारी कको-(न०) १. ऊखल में कूटने से बाजरी
आदि अनाज का निकला हुमा छिलका । कुवरी-(ना०) १. क्वारी कन्या । २. राज
२. पुकार । ३. शोर । ४. बच्चा । __ कुमारी । ३. बेटी । पुत्री।
गोगो । कोको । गीगलो। कुवारिका-(ना०) १. समुद्र में नहीं मिलने
लन कूख-(ना०) १. कोख । गर्भाशय । २. पेट । वाली नदी । सरस्वती। क्वारिका ।।
उदर । २. अविवाहिता । कुमारी । क्वारिका।
कूचा-पाणी-(न०) वह वस्तु जो पानी में कुवारी-(ना०) १. क्वारी। क्वारिका ।
बराबर घुल-मिल या पिघल गई न हो । अविवाहिता।
जैसे विना सीझी हुई दाल । कुवारीघड़ा-दे० कुपारीघड़ा।
कूचो-(न०) १. फुजला। कूड़ा-करकट । कुवारो-(वि०) क्वारा । अविवाहित ।
२.घास । भूसा । ३. घास-फूस । कचरा । केसड-कियोसड़ो' का विकृत रूप । दे० कजगो-क्रि०) १. कोयल का बोलना । किमोसड़ो।
२. मधुर शब्द करना। कुहिक-(क्रि०वि०) कुछेक । कुछ ।
कूट-(न०) १. झूठ । कूड़। कपट । २. कुही-(क्रि०वि०) कुछ भी ।
पर्वत । पर्वत की चोटी । ३. वह पद कूक-(ना०) १. पुकार । २. हल्ला । शोर ।
जिसका अर्थ जल्दी स्पष्ट न हो । ४. ३. रुदन । कूकड़-१. कुक्कुट । मुर्गा । (ना०) २. सूखे
चिढ़ । खीज । ५. कूटने पीटने की क्रिया । पीलू या लिसोड़े । कोकड़।
(वि०) १. आततायी। अत्याचारी। २. कूकड़कंधो-(न०) घोड़ा।
कृत्रिम । नकली। कूकड़ला-(न०) १. जमाई के सम्मान या कूटणी-(क्रि०) १: पीटना। मारना । २. व्याज-प्रशंसा में गाये जाने वाले लोक- ___ कूटना । (धान औषध प्रादि) । गीत ।
कूटळो(-लो)-(न०) कचरा । कूड़ाकरकट । कूकड़लो-(न०) मुर्गा ।
कूटियाँ-(ना०) १. किसी को चिढ़ाने के कूकड़वाहणी-(ना.) बहुचरा देवी । लिये उसके हाव भाव तथा बोलने आदि कूकड़ी-दे० कोकड़ी।
की कीजानेवाली नकल । चिढ़ाना । कूकणो-(क्रि०) १. शोर करना । २. पुका- २. उपहास ।
रना। ३. पुकार करना । ४. विलाप कूटो-(न०) १. पानी में सड़ा लेने के बाद करना । रोना।
कागज, चिथड़ों मादि को कूटकर मुलतानी
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