Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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खासो थाळ
। २८२)
खांडणो.
खासो थाळ-(न०) राजा के लिए परोसा ४. रेखा बनाना। __ जाने वाला थाल । राजा का भोजन । खाँच-रो-चूड़ो-(न०)खाँच में पहिना जाने खासो नौकर-(न०) राजा के हरदम पास वाला हाथी दाँत की गावदुम चूड़ियों का
रहने वाला नौकर । २. राजा का निजी सैट । विश्वसनीय नौकर ।
खाँचा-तारण-(ना.) १. किसी वस्तु को खाहड़ो-दे० खासड़ो।
प्राप्त करने के लिये एक दूसरे के विरुद्ध खाहिस-दे० ख्वाहिश ।
किया जाने वाला प्रयास । खींचाखींची। खाँ-(न०) १. मुसलमान। २. खान । पठान ।। २. छीना-झपटी। ३. मनुहार । ४. किसी (अव्य०) मुसलमानों के नामों के अंत में शब्द अथवा वाक्य का जबरदस्ती से लगने वाला एक शब्द ।
किया जाने वाला भिन्न अर्थ का प्रयास । खाँख-(ना०) काँख । बगल ।
___ काल्पनिक अभिप्राय निकालने का प्रयास । खाँखळ-(ना०) अाकाश में छाई हुई गर्द। खाँचा ताणी-दे० खाँचाताण । खाँखळणो-(क्रि०) आकाश में धूल छा जाना। खाँचायत-(वि०) १. खींचने वाला । खाँखळियो-(वि०) धूल से आच्छादित । २. तंगी वाला । कमी वाला। ३. खींचा रजाच्छादित ।
जाने वाला। खाँगड़ो-(न०) राठौड़ राजपूत । (वि०) खाँचो-(न०) १. मोड़ । २. कटाव । ३.
१. बांका वीर । २. उद्दण्ड । ३. टेढ़ा। सँकरा रास्ता । ४. नुक्कड़ । ५. निकलता खाँगली-(वि०) टेढ़े सींगों वाली । (गाय) हुआ कोना । प्रागे निकला हुआ भाग । खाँगी-(वि०) १. टेढ़ी। बाँकी। २. टेढ़े खाँट-(न०) भील-मैरणा आदि लूट-खसोट व सींगों वाली । ३. वीरांगना ।
शिकार करने वाली जातियों का समूह । खाँगीबंध-(न०) १. राठौड़ राजपूत । २. (वि०) १. लातें मारती दूध देने वाली । राठौड़ राजपूतों का एक विरुद।
(गाय) २. दूध नहीं देने वाली । (गाय) खाँगो-(वि०) १. टेढ़ा। बाँका । वक्र।। ३. धूर्त । काँइया । २. वीर । बहादुर ।
खाँट गाय-(ना०) आसानी से दूध नहीं खाँगो-बाँको-(वि०) टेढ़ा-मेढ़ा।
दुहाने वाली गाय । खाँच-(ना०) १. स्त्रियों के बाहु-मूल से खाँट जात-दे० खाँट । (न०) ।
कोहनी तक का भाग जिसमें गावदुम खाँड-(ना०) १. शक्कर । २. चीनी । हाथीदांत की चूड़ियों का सैट पहना जाता खाँडरिणयो-(न०) मूसल । सांबीलो। (वि०) है। दे० खाँच-रो-चूड़ो । २. तंगी। १. खाँडने वाला । मूसल से कूटने वाला। संकीर्णता । ३.घाटा । हानि । ४. कोना। २. नाश करने वाला।
५. मोड़ । खाँचा । ६. मनुहार । आग्रह। खाँडणी-(ना०) १. अोखली । ऊखळ । खाँचखूच-(ना०) १. छोटी-मोटी त्रुटि । २. छोटा मूसल । कोर-कसर । न्यूनता। २. बारीकी। खाँडगो-(क्रि०) १. धान्य या किसी वस्तु गहराई।
को अोखली में मूसल से या इमामदस्ते खाँचरणो-(क्रि०) १. खींचना। घसीटना। से कूटना। २. मारना ३. नाश करना ।
२. म्यान में से शस्त्र बाहर निकालना। ४. भाले से मारनां । ४. सवारी ऊंट का ३. भभके से मर्क शराब मादि बनाना। कूदते हुए चलना । (न०) मूसल । (वि०)
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