Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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( २६७ )
बेटियो - विनायक
लिये जलाई हुई कण्डों की निर्धूम प्रग्नि ।
४. राख ।
खेहटियो - विनायक - ( न० ) १. विवाहादि मांगलिक कार्यों के प्रारम्भ में अस्थाई रूप से स्थापित की जाने वाली विनायक की मूर्ति । किसी मांगलिक कार्य के पूर्व मिट्टी से बना कर स्थापित की जानेवाली गणेश की मूर्ति जो कार्य की समाप्ति के पश्चात् नदी, आदि किसी तीर्थ या स्थानीय जलाशय में विधिपूर्वक विसर्जित कर दी जाती है । खेहरोटोबाटी ।
- ( न० ) खेह में पकाया हुआ रोटा ।
खेहाडंबर-दे० खेहारव ।
हारव - ( ना० ) प्रकाश में छाई हुई गर्द । खेहारवरण - दे० खेहारव ।
खाट - २. ग्रीष्म की तेज हवा । २. ग्रीष्म की तेज हवा की आवाज । खूंखाट । खंखाड़ ।
खेंखार - (न०) १. कफ । श्लेष्म । बलगम । दे० खेंखारो ।
खारो - ( न० ) १. गले में से कफ छूटने का शब्द । खाँसी होने का शब्द । २. घर में प्रवेश के समय सूचना के रूप में गुरुजनों के द्वारा की जाने वाली कृत्रिम खाँसी जिससे स्त्री आदि कुटुम्बीजन उनके प्रति शिष्टाचार का पालन करने के लिये सतर्क हो जायँ । अंतःपुर श्रादि खानगी स्थानों में प्रवेश के समय पूर्व सूचना के रूप में किया जाने वाला कृत्रिम खाँसी का शब्द । खेंग - ( न०) १. घोड़ा । २. तलवार । ३. पशु के अंग-प्रत्यंग के रंग या आकृति द्वारा उसको पहिचानने का चिन्ह । खंग ४. पशु की प्राकृति । ५. नाश । गरणो - ( क्रि०) १. नाश करना। संहार करना । २. घन को दुर्व्यसन में खर्च
खैखाड़
करते रहना । धन का दुरुपयोग करना । गाळ - ( न० ) नाश । संहार । खेंच- दे० खींच । खेंचरणो दे० खींचरणो । खेंचाखेंच दे० खींचाखींच | खेचाखेची - दे० खेंचाखेंच । खेंचातारण - दे० खींचाताण । खै - ( न०) क्षय । नाश । खय । खैकार - ( न०) नाश । संहार । खैकारी - (वि०) क्षयकारी। संहारक । खैकाळ - ( न०) १. नाश । २. युद्ध । खैगररणो - ( क्रि०) नाश करना । खैगाळ - दे० खैकाळ । खैड़ी-दे० खेड़ी ।
खैड़ो - ( न०) १. गाँव । २. गाँव का बाहरी प्रदेश । ३. बरं आदि का छत्ता । ४. पूरे गाँव को कराया जाने वाला भोजन । समस्त गाँव का न्योता । खेड़ा-न्यात । खेड़ा-जीमरण ।
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खैरण - ( न०) १. नाश । २. क्षय रोग । तपेदिक । खैर - ( न०) १. एक वृक्ष जिसकी छाल से कत्था बनाया जाता है । २. कुशल । क्षेम । खैर । ( अव्य० ) १. कुछ चिंता नहीं । २. श्रस्तु | अच्छा । खैरसार - ( न० ) कत्था । खैराइत दे० खैरात | खैरात - ( ना० ) दान । पुण्य ।
खैरादी - ( न०) खराद पर काम करने वाला व्यक्ति । खरादने का काम करने वाला । खरादी ।
खैरायत - दे० खैरात | खैरियत - ( ना० ) कुशल ।
खैरी गूंद - ( न०) खैर वृक्ष का गोंद । खेड़ी
गूंद
खै रोग - ( न०) क्षय रोग । तपेदिक । खैसर - (न०) कुबेर |
खैखाड़ - ( न० ) ग्रीष्म की तेज हवा और उससे उत्पन्न डरावनी ध्वनि ।
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