Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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प्रोळा-छाना ( १८४ )
प्रोवरी योला-छाना-(न०) १. मिस । बहाने । अोळी माँडगो--(मुहा०) चंदे में रुपया २. अस्पष्टता ।
देना । चंदे में नाम लिखाना । पोलाद-(ना०) प्रौलाद । संतान । केड़। अोळी में बैठणो-(मुहा०) ओळी व्रत के अोळावो-(न0) १. आड़ । प्रोट । दिन सहयोगियों के साथ उपाश्रय में बैठ
२. परदा । घूघट । गूघटो। ३. बहाना। कर उपवास और धर्म-ध्यान करना। मिस ।
प्रोळींतर-(वि०) निकम्मा। प्रोलाँडो-(क्रि०) १. छोड़ना । त्यागना। प्रोळ -(ना०) प्रेमी की वियोग जनित
२. अस्वीकार करना। ३. अवज्ञा करना। स्मृति । २. एक लोकगीत । पोळ डी । ४. उल्लंघन करना । लाँघना । ५. उल- अोळ डी-(ना०) 'पोळ' की स्नेह प्रेरित टना । पलटना । औंधा करना।
ऊन संज्ञा । दे० प्रोळ । ओळत्तरो-(न०) दूर और सुरक्षित स्थान। अोळ्बो -(न०) साँप-बिच्छू आदि जहरीले दूर एकान्त जगह ।
जतुनों के काटने पर रह रह कर अथवा प्रोळियो-(न0) १. पत्र । चिठ्ठी । प्रवाह की भाँति होने वाला दर्द ।
२. संक्षिप्त रूप से लिखा जाने वाला अोळे -(क्रि०वि०)१. प्रोट में । २. संरक्षण पत्र । ३. पत्र लिखने का सँकड़ा और में । ३. गुप्त रीति से । लम्बा कागज । ४. संक्षिप्त पंचांग। प्रोलै- (वि०) १. इस । २. उस । ५. जमानत के रूप में आदमी की रहन । प्रोलै कानी-दे० अोली कानी । पोळ । ६. रहन रखा हुआ आदमी अोलो--(न०) १. प्रोट । पाड़। २. परदा । सागड़ी। ७. हस्तलिखित ग्रंथों के कागज ओळो-(न०) १. कोठरी । झोंपड़ी । पर बिना स्याही की रेखाएँ उभारने के २. प्रोट । परदा । ३. कंद या चीनी का लिये बनी हुई एक ऐमी काष्ट-पट्टी जिसके बना लड्डु । मिसरी का लड्डु । खंडोरा । लंबाई के दोनों सिरों पर समानान्तर में ४. वर्षा के जलकणों से जमा हुआ गोला।
५. शरण । ६. बचाव । रक्षा। ७. ठंड, आमने सामने २० २५ छेद बनाये होते
ताप और वर्षा से बचने के लिये बैलों के हैं, जिनमें लंबाई की ओर मोटे धागों को लिये बनाया गया ओरड़ा । ग्रथित करके चिपका दिया जाता है। अोलो-दोलो-(वि०) १. औला-दौला । लिखे जाने वाले कागज को उस पट्टी पर मौजी। २. उदार । ३. लापरवाह । रख कर अंगुलिएँ फिराई जाती हैं, अोल्हरणो -(क्रि०)१. बरसना। २. बढ़ना । जिससे रेखाएँ (प्रोळियाँ) उभर आती तरंग का उठना। ३. प्रवेश करना । हैं । कागज पर प्रोळी (रेखा) उभारने ४. शुरू होना। ५. एक मास समाप्त
की एक काष्ट पट्टी। दे० फाँटियो। होने के बाद दूसरे मास का प्रारम्भ होना। पोळी-(ना०) १. पॅक्ति । २. लकीर । जैसे-गौरी नै बीजोड़ो मास अोल्हरियो ।
३. चंदा । अनुदान । ३. जैनियों का एक (सोहर गीत)। समूह व्रत ।
ओल्हो-(न०)१. मिस । बहाना। २.प्राड़। अोली कानी-(अव्य०) १. इस अोर । ३. शरण । (वि०) बचता हुआ । छिपता २. उस ओर।
हुमा । भागता हुआ। प्रोळी-दोळी-(क्रि०वि०) १. चारों ओर। प्रोवरी-(ना०) छोटी कोठरी। मोरी । २. आस-पास।
मोरड़ी।
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