Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कंठौरव ( २१६ )
कंद्रप कंठीरव-(न०) सिंह।
७. समूह । ८. दुख । (वि०) मूर्ख । कंठे करणो-(मुहा०) याद करना । कदक-(न०) चंदोवा । चंदरवो । कंठेसरी-(ना०) सोलंकियों की कुलदेवी। कंद काढणो-समूल नष्ट करना । कंठेश्वरी।
कंदचर-(न०) सूअर । शूकर । कंठे होणो-(मुहा०) कंठस्थ होना । जबानी कंदमूळ-(न०) खाने योग्य वानस्पतिक जड़ें। होना।
कंदमूल। कंठो-(न०) १. गले का एक प्राभूषण। कंदरप-(न०) १. प्रद्युम्न का पुत्र अनिरुद्ध । २. गला ।
__ श्रीकृष्ण का पौत्र । २. कामदेव । कंदर्प । कंड-(वि०) १.मक्खीचूस । कंजूस । २.धूत। कंदर्प-दे० कंदरप ।
३. कुटिल । ४. मैला-कुचेला ५. ढोंगी। कंदळ-(न०) १. युद्ध। २. नाश । ध्वंश । कंडियो-दे० करंडियो।
३. शोरगुल । ४. कटा हुआ अंग। ५. कंडीर-(वि०) १. मैला । गंदा। २. बहुत टुकड़ा । ६. समूह । ७. स्वर्ण । सोना ।
अफीम खाने वाला। ३. बहुत खाने कंदळी-(ना०) १. ध्वजा। २. एक प्रकार वाला । पेटू । खाऊ ।
की शराब । ३. एक देव वृक्ष । ४. युद्ध । कंडील-दे० कंदील ।
संग्राम । ५. हरिण । कंत-(न०) १. पति । कान्त । २. ईश्वर। कंदीजणो-(क्रि०) सड़ना । कंतर-(ना०) खाने-पीने आदि की वस्तुओं कंदीजियोड़ो-(वि०) सड़ा हुआ। ___ में मिली हुई रेत ।
कंदील-(ना०) १. बांस की सींकों के बनाये कंता-(ना०) पत्नी । कान्ता ।
गये ढाँचे पर कागज या अभ्रक चिपका
कर बनाया हा एक दीपक । २. लालकंथ-(न०) १. पति । कान्त ।
टेन। लैटर्न । कंथकोट-(न०) योगी कंथड़नाथ के नाम
कंदूड़ी-(ना०) संग्रह हेतु चुन कर बनाया से जाम साड़ के द्वारा बनवाया हुमा सिंध
गया घास का ढेर । कराई । कंदूड़ो । के पारकर जिले का इतिहास प्रसिद्ध
कंदोई-(न०) मिठाई बनाने वाला । हलवाई। प्राचीन किला और नगर ।
_सुखड़िया। कंयड़नाथ-(न०) सिव का इतिहास प्रसिद्ध
कंदोराबंध-(वि०) कंदोरा बांधने वाला एक सिद्ध योगी।
(मनुष्य) । (न०) १. जन्म लेने के समय कंया-(ना०)१. संन्यासी का लम्बा चोला ।
पुत्र शब्द के पर्याय रूप में प्रयोग किया २. गुदड़ी।
जाने वाला शब्द । जैसे-फलाणचंद रे कंथाधारी-(न०) १.संन्यासी । २. महादेव ।
कंदोराबंध हुप्रो है। धिन्नड़ । धेनड़। कंथुप्रो-(न०) एक कीड़ा।
३. मात्र पुरुषों को निमंत्रित करने के कंथो-(न०)१.पति । कंथ । कांत । २.संन्यासी
लिये प्रयुक्त पुरुषवाची शब्द । जैसेके पहनने का लंबा चोला ।
कंदोराबंध नैतो है। कंद-(न०) १. वानस्पतिक गांठदार मूल- कंदोराबंध-नैतो-(न०) भोजन के लिये
प्याज, पालू, सूरण इत्यादि । २. बिना मात्र पुरुषों को दिया जाने वाला निमंत्रण। रेशे की जड़ । मूली, शकरकंद इत्यादि। कंदोरो-दे० करणदोरो। ३. गूदेदार जड़। ४. शुद्ध की हुई चीनी। कंद्रप-(न०) १. कामदेव । कंदर्प । २. चीनी-बुरा। ५. बादल । ६. दुर्गन्ध । पुरुषत्व ।
For Private and Personal Use Only