Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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कुटलाई
( २४ )
कुतुबनुमा कुटळाई-(ना०) कुटिलता।
वाली जब्ती । कुर्की । प्रासंजन । कुटंब-(न०) कुटुम्ब । परिवार । कुड़छी-(ना.) करछी । कड़छी । कुटंब-जात्रा-(ना०) १. संन्यास की दीक्षा कुड़तो-(न०) कुरता । चोला ।
लेने के बाद अपने कुटुम्ब से प्रथम बार कुड़-दाँतळी-(ना०) एक चिड़िया । भिक्षा मांग कर लाने का विधान । कुड़ापो-दे० कुढापो । २. प्रव्रज्या ग्रहण के बाद कुटुम्बीजनों से कुड़ियारो-(वि०) झूठा । मिलने जाना। ३. प्रवासी का अपनी कुडोळ-(वि०) बेडौल । भद्दा । मातृभूमि और कुटुम्बीजनों से मिलने कुढ-दे० कुढण । जाना।
कुढण-(ना०) १. मनस्ताप । २. खीझ । कुटाई-(ना०) १. कूटने का काम । २. ३. रीस। पिटाई । ठोंकपीट ।
कुढणो-(क्रि०) भीतर ही भीतर संतप्त कुटार-(न०) १ मड़ियल टटू । २. खराब होना । मन ही मन में दुखी होना।
आदत का पशु । ३. मड़ियल चौपाया। कुढब-(वि०) १. बेढब । २. कठिन । ३. दुर्बल पशु ।
बुरा । (न०) बुरी आदत । कुटि-(ना०) कुटिया । झोंपड़ी। कुढबो-(वि०) १. अव्यवस्थित । २. बेढंगा। कुटिया-(ना०) कुटि । झोंपड़ी।
कुढंगा। ३. विवेक रहित । कुटिल-(वि०) १. कपटी । २. टेढ़ा । कुढंग-(वि०) बेढंगा । कुढंगा। (न०) बुरा कुटिलता-दे० कुटिलाई।
ढंग । कुटिलाई-(ना०) १. टेढ़ापन । २. कपट। कुढंगी-(वि०) १. बेढंगी। २. बैढंगा । कुटी-दे० कुटि।
३. उजड्ड । कुटीजणो-(क्रि०) १. मार खाना। पिटना। कुढंगो-वि०) दे० कुढंगी।
२. कूटा जाना । (औषध आदि का)। कुढापो-(न०) १. ईर्ष्यावश हृदय में जलन कुटुंब-दे० कुटंब ।
उत्पन्न करती हुई प्रतिपल बनी रहने कुटेव-(ना०) खराब आदत ।
वाली स्मृति । २. कुढन । जलन । कुदैम-(ना०)१. कुसमय । बुरावक्त । २. अनु- ३. ईर्ष्या । पयुक्त समय ।
कुढाळो-(वि०) १. प्रतिकूल । २. नियम कुठाम-(न०) दे० कुठौड़।
विरुद्ध । ३. रिवाज के खिलाफ । कुठाँव-दे० कुठाम ।
कुरण-(सर्व०) १. कौन । २. किसने । कुठौड़-(ना०) १. बुरी जगह । कुठौर। कुरण पाखै-(क्रि०वि०) १. किसलिये । क्यों। २. गुप्तांग ।
२. किस ओर। कुड-(न०) १. दीवाल । २. झोंपड़ा । कड। कुणबो-(न०) कुटुम्ब । परिवार । कुड़-(ना०) १. शिकार के समय हरिण को कुण्यां-(सर्व०) १. किसके । २. कौन । फंसाने का लोहे का बना एक घेरा । २. कुत-(ना०) १. वर्षा ऋतु में होने वाला चरस के मुह का गोल घेरा।
मच्छर जाति का एक सूक्ष्म जन्तु । कुड़कली-दे० करकली।
२. एक घास । कुड़की-(ना०) देन, अर्थदंड आदि की वसूली कुतको-(न०) कुतका । सोंटा । डंडा ।
के लिये माल या जायदाद की कीजाने कुतबनुमा-दे० कुतुबनुमा । .
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