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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुटलाई ( २४ ) कुतुबनुमा कुटळाई-(ना०) कुटिलता। वाली जब्ती । कुर्की । प्रासंजन । कुटंब-(न०) कुटुम्ब । परिवार । कुड़छी-(ना.) करछी । कड़छी । कुटंब-जात्रा-(ना०) १. संन्यास की दीक्षा कुड़तो-(न०) कुरता । चोला । लेने के बाद अपने कुटुम्ब से प्रथम बार कुड़-दाँतळी-(ना०) एक चिड़िया । भिक्षा मांग कर लाने का विधान । कुड़ापो-दे० कुढापो । २. प्रव्रज्या ग्रहण के बाद कुटुम्बीजनों से कुड़ियारो-(वि०) झूठा । मिलने जाना। ३. प्रवासी का अपनी कुडोळ-(वि०) बेडौल । भद्दा । मातृभूमि और कुटुम्बीजनों से मिलने कुढ-दे० कुढण । जाना। कुढण-(ना०) १. मनस्ताप । २. खीझ । कुटाई-(ना०) १. कूटने का काम । २. ३. रीस। पिटाई । ठोंकपीट । कुढणो-(क्रि०) भीतर ही भीतर संतप्त कुटार-(न०) १ मड़ियल टटू । २. खराब होना । मन ही मन में दुखी होना। आदत का पशु । ३. मड़ियल चौपाया। कुढब-(वि०) १. बेढब । २. कठिन । ३. दुर्बल पशु । बुरा । (न०) बुरी आदत । कुटि-(ना०) कुटिया । झोंपड़ी। कुढबो-(वि०) १. अव्यवस्थित । २. बेढंगा। कुटिया-(ना०) कुटि । झोंपड़ी। कुढंगा। ३. विवेक रहित । कुटिल-(वि०) १. कपटी । २. टेढ़ा । कुढंग-(वि०) बेढंगा । कुढंगा। (न०) बुरा कुटिलता-दे० कुटिलाई। ढंग । कुटिलाई-(ना०) १. टेढ़ापन । २. कपट। कुढंगी-(वि०) १. बेढंगी। २. बैढंगा । कुटी-दे० कुटि। ३. उजड्ड । कुटीजणो-(क्रि०) १. मार खाना। पिटना। कुढंगो-वि०) दे० कुढंगी। २. कूटा जाना । (औषध आदि का)। कुढापो-(न०) १. ईर्ष्यावश हृदय में जलन कुटुंब-दे० कुटंब । उत्पन्न करती हुई प्रतिपल बनी रहने कुटेव-(ना०) खराब आदत । वाली स्मृति । २. कुढन । जलन । कुदैम-(ना०)१. कुसमय । बुरावक्त । २. अनु- ३. ईर्ष्या । पयुक्त समय । कुढाळो-(वि०) १. प्रतिकूल । २. नियम कुठाम-(न०) दे० कुठौड़। विरुद्ध । ३. रिवाज के खिलाफ । कुठाँव-दे० कुठाम । कुरण-(सर्व०) १. कौन । २. किसने । कुठौड़-(ना०) १. बुरी जगह । कुठौर। कुरण पाखै-(क्रि०वि०) १. किसलिये । क्यों। २. गुप्तांग । २. किस ओर। कुड-(न०) १. दीवाल । २. झोंपड़ा । कड। कुणबो-(न०) कुटुम्ब । परिवार । कुड़-(ना०) १. शिकार के समय हरिण को कुण्यां-(सर्व०) १. किसके । २. कौन । फंसाने का लोहे का बना एक घेरा । २. कुत-(ना०) १. वर्षा ऋतु में होने वाला चरस के मुह का गोल घेरा। मच्छर जाति का एक सूक्ष्म जन्तु । कुड़कली-दे० करकली। २. एक घास । कुड़की-(ना०) देन, अर्थदंड आदि की वसूली कुतको-(न०) कुतका । सोंटा । डंडा । के लिये माल या जायदाद की कीजाने कुतबनुमा-दे० कुतुबनुमा । . For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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