Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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कुली
३.स जीपर्वत ।
कुलछ
( २४७ ) कुलछ-(न०) कुलक्षण । बुरालक्षण । बद- कुळभूखण-(न०) कुल में भूषण रूप । चलनी।
कुल में शोभा रूप । कुलटा-(ना०) व्यभिचारिणी स्त्री। कुळ-मंडण-(न०) १. कुल की शोभा । कुलड़ी-(ना०) मिट्टी की छोटी लुटिया। कुळमेरू-(न०) सुमेरू सहित सातों पर्वत । कुल्हिया।
___ सुमेरु पर्वत का कुल-समूह । सुमेरु-कुल । कुलड़ी मुखो-(वि०) छोटी व भद्दी मुखाकृति वाला।
कुळमौड़-(न०) १. कुल की कीर्ति को कुलड़ो-(न०) कुल्हड़ । पुरवा ।
बढ़ाने वाला । वंश का सिरमौर । २. कुळरण-(ना०) १. व्रण पीड़ा। २. अत्य- वडील पुरुष । बडेरो । ३. सुपुत्र । धिक पीड़ा।
कुळ-लजामणो-(वि०) १. कुल को लजित कुळणो-(क्रि०) व्रण में पीड़ा होना।
___ करने वाला । (न०) कुपुत्र । कुळतारक-दे० कुळतारण ।
कुळलाज-(ना०) कुल की मर्यादा । कूकतारण-(वि०) कुन को तारने वाला । कूळवंत-(वि०) कुलीन । खानदानी । __कुल की कीर्ति बढ़ाने वाला।
कुळवंती-(ना०) उच्चकुल में उत्पन्न स्त्री । कुळतारणी-(वि०) कुल को तारने वाली।
कुळवट-दे० कुळवाट । कुल की कीत्ति बढ़ाने वाली।
कुळव-दे० कुळबहू । कुळदीवो-(न०)१. कुल दीपक । २. सुपुत्र ।
कुळवाट-(ना०) १. कुल की उच्च मर्यादा सपूत ।
२. कुल का श्रेष्ठ मार्ग। ३. वंशपरंपरा । कुळदेवी-(ना०) वह देवी जिसकी पूजा इष्टदेव के रूप में कुल में परंपरा से होती
कुळवान-(वि०) कुलीन । कुलवान ।
सद शज । पा रही हो। कुल की परंपरागत इष्ट देवी।
कुळसुध-(वि०) शुद्ध कुल का कुलीन । कुळदेवता-(न०)वह देवता जिसकी मान्यता कुळहीण-(वि०) १. कुलहीन । २. नीच
कुल में परम्परा से होती आ रही है । __ कुल का। कुळधर-(न०) पुत्र ।
कुलंग-(ना०) बदमाशी। . कुलनास-(न०) १. ऊँट । २. कुलक्षय। कुलंगार-(न०) कुल को कलकित करने कुळपाँति-(ना०) कुल परम्परा।
वाला । कुलांगार। . कुलफत-(न०) १. शत्रुता । २. द्वेष। कुलंगी-(वि०) बदमाश । कुळबहू-(ना.) १. कुल ववू । कुलीन पुत्र- कुळाच-(ना०) १. औंधे सिर गिरना। २. वधू । कुलीन स्त्री।
___ छलांग । कुलाँच । गुलाँच । कुळबाहिरो-(वि०) कुलहीन । कुल बाहिर। कुळातरो-(न०) मकड़ी। अकुलीन ।
कुलक-(ना०) खेत में घास काटने (निदानि कुळ बिदरी-(वि०) १. जो वर्णसंकर कुल करने) की खुरपी। __ में उत्पन्न हुआ हो । २. वर्णसंकर। कुळियो-(न०) बेर आदि फलों का बीज । कुलबै-(क्रि०वि०)छिपे रूप से । छिपे-छिपे। ठळियो। कुळभाण-(न०) १. कुल में सूर्य रूप । २. कुली-(न०) भार ढोने वाला मजदूर । __कुल में श्रेष्ठ । ३. पुत्र । सपूत । (वि०) कुलवान ।
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