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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुली ३.स जीपर्वत । कुलछ ( २४७ ) कुलछ-(न०) कुलक्षण । बुरालक्षण । बद- कुळभूखण-(न०) कुल में भूषण रूप । चलनी। कुल में शोभा रूप । कुलटा-(ना०) व्यभिचारिणी स्त्री। कुळ-मंडण-(न०) १. कुल की शोभा । कुलड़ी-(ना०) मिट्टी की छोटी लुटिया। कुळमेरू-(न०) सुमेरू सहित सातों पर्वत । कुल्हिया। ___ सुमेरु पर्वत का कुल-समूह । सुमेरु-कुल । कुलड़ी मुखो-(वि०) छोटी व भद्दी मुखाकृति वाला। कुळमौड़-(न०) १. कुल की कीर्ति को कुलड़ो-(न०) कुल्हड़ । पुरवा । बढ़ाने वाला । वंश का सिरमौर । २. कुळरण-(ना०) १. व्रण पीड़ा। २. अत्य- वडील पुरुष । बडेरो । ३. सुपुत्र । धिक पीड़ा। कुळ-लजामणो-(वि०) १. कुल को लजित कुळणो-(क्रि०) व्रण में पीड़ा होना। ___ करने वाला । (न०) कुपुत्र । कुळतारक-दे० कुळतारण । कुळलाज-(ना०) कुल की मर्यादा । कूकतारण-(वि०) कुन को तारने वाला । कूळवंत-(वि०) कुलीन । खानदानी । __कुल की कीर्ति बढ़ाने वाला। कुळवंती-(ना०) उच्चकुल में उत्पन्न स्त्री । कुळतारणी-(वि०) कुल को तारने वाली। कुळवट-दे० कुळवाट । कुल की कीत्ति बढ़ाने वाली। कुळव-दे० कुळबहू । कुळदीवो-(न०)१. कुल दीपक । २. सुपुत्र । कुळवाट-(ना०) १. कुल की उच्च मर्यादा सपूत । २. कुल का श्रेष्ठ मार्ग। ३. वंशपरंपरा । कुळदेवी-(ना०) वह देवी जिसकी पूजा इष्टदेव के रूप में कुल में परंपरा से होती कुळवान-(वि०) कुलीन । कुलवान । सद शज । पा रही हो। कुल की परंपरागत इष्ट देवी। कुळसुध-(वि०) शुद्ध कुल का कुलीन । कुळदेवता-(न०)वह देवता जिसकी मान्यता कुळहीण-(वि०) १. कुलहीन । २. नीच कुल में परम्परा से होती आ रही है । __ कुल का। कुळधर-(न०) पुत्र । कुलंग-(ना०) बदमाशी। . कुलनास-(न०) १. ऊँट । २. कुलक्षय। कुलंगार-(न०) कुल को कलकित करने कुळपाँति-(ना०) कुल परम्परा। वाला । कुलांगार। . कुलफत-(न०) १. शत्रुता । २. द्वेष। कुलंगी-(वि०) बदमाश । कुळबहू-(ना.) १. कुल ववू । कुलीन पुत्र- कुळाच-(ना०) १. औंधे सिर गिरना। २. वधू । कुलीन स्त्री। ___ छलांग । कुलाँच । गुलाँच । कुळबाहिरो-(वि०) कुलहीन । कुल बाहिर। कुळातरो-(न०) मकड़ी। अकुलीन । कुलक-(ना०) खेत में घास काटने (निदानि कुळ बिदरी-(वि०) १. जो वर्णसंकर कुल करने) की खुरपी। __ में उत्पन्न हुआ हो । २. वर्णसंकर। कुळियो-(न०) बेर आदि फलों का बीज । कुलबै-(क्रि०वि०)छिपे रूप से । छिपे-छिपे। ठळियो। कुळभाण-(न०) १. कुल में सूर्य रूप । २. कुली-(न०) भार ढोने वाला मजदूर । __कुल में श्रेष्ठ । ३. पुत्र । सपूत । (वि०) कुलवान । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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