SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 184
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऊंच ( १६७ ) ऊंदरी ऊंच-(वि०) १. ऊंचा। उच्च । २. अधिक ऊंचेरो- (वि०) १. तुलना में ऊंचा। ___अच्छा । श्रेष्ठ । ऊंचो-(वि०) १. ऊपर । २. लम्बा । ऊंच कुळी-(वि०)ऊंचे कुल का। ३. बड़ा । ४. श्रेष्ठ । ऊंचनीच-(ना०) ऊंचे और नीचे का भेद। ऊंट-(न०) सवारी का एक प्रसिद्ध पालतू उच्च वर्ण व निम्न वर्ण का भेद । (वि०) पशु । उष्ट्र । उत्कंठ। (वि०) (ला०) १. ऊंचा और नीचा। २. भला और १. लंबा । २. मूर्ख । बुरा। ऊंट कंटाळो-(न०) ऊंट के पसंद की एक ऊंचपण-(न०) १. बड़प्पन । ऊंचापना। ___ कटीली घास। २. ऊंचाई। ऊंटड़ो-(न०) १. बैलों को छोड़ देने पर ऊंचपणो-(न०) दे० ऊंचपण । छूटी बैलगाड़ी के जमीन पर टिके रहने ऊचमन-(वि०) १. उदार। २. महत्वा- का आगे के भाग में नीचे लगा हा मोटा डंडा । २. ऊंट । कांक्षी । ऊंचमनो–दे० उंचमन । ऊंट-बाळदो-(न०) ऊंट बैल का संबंध । ऊंचलो-(वि०) ऊपर का। अनमेल सम्बन्ध । अस्वाभाविक संबंध । ऊचवरण-(न०) १. उच्च वर्ण । द्वि- ऊट-वेद-(न०)१.नीमहकीम । २.धूर्त वैद्य। जाति । २. ब्राह्मण । ऊंटादेवी-(ना०) पुष्करणा ब्राह्मणों की एक देवी । उष्ट्रवाहिनी। ऊंचवहो-(वि०) १. ऊर्ध्वगामी । २. ऊंचे आचरण वाला । श्रेष्ठ आचरण वाला। ऊंडळ-(न०) ऊपर से गिरती हुई वस्तु ३. उपकारी । ४. उदार । को थामने के लिये हथेलियां फैला कर ऊंचाई-(ना०) १. ऊंचापना । उठान । ऊपर उठाये हुये हाथ । उदंजलि । २. नीचे के स्तर से ऊंचा होता हुआ २. ऊपर से गिरती हुई वस्तु को बाहु भाग । ३. बड़प्पन । ४. गौरव । पाश या गोद में थाम रखने की क्रिया । ऊंचाण-(ना०) १. चढ़ाव । २. ऊंचा ३. गोद । ४. ऊपर उठाये या फैलाये हुए स्थान । दे० ऊंचाई। हाथ । ५. बाहुपाश (बाथ) में समावे ऊंचाणो-(क्रि०) दे० ऊंचावणो। जितनी वस्तु । ६. बाहुपाश । बाथ । (वि०) ऊंचावणो-(क्रि०) उठवाना । ऊंचा १. गहरा । ऊड़ा। २. घिरा हुआ। करना । सेना द्वारा घिरा हुआ। (न0) सेना का ऊंचासरो-(वि०) १. यश और स्वाभिमान खूब दृढ़ बना हुया घेरा । घेरा। के कारण जिसका सिर ऊंचा हो । उच्च ऊंडाई-(ना०) गहरापन । गहराई । शीर्ष । २. सिरे नाम वाला। ऊंची ऊंडारण-(ना०) गहराई। ख्याति वाला । ३. गर्वोन्नत । ४. उच्चा- ऊंडाँत-(ना०) १. नीची भूमि । २. गहशय । ५. उच्चाश्रय (न०)१. पूर्वजों का राई । ३. गम्भीरता। स्थान । २. मूलस्थान । ३. उच्चैःश्रबा। ऊंडो-(वि०) १. गहरा। २. गम्भीर । ऊंचाँत-दे० ऊचारण । ३. अगाध । ४. अन्दर से लंबा। ऊंचीतारण-(वि०) उच्चाशय । (ना०) ऊरण-(न०)इस वर्ष । चालू वर्ष । वर्तमान वर्ष । १. महत्वाकांक्षी । २. स्वाभिमान तथा ऊंदर-(न०) चूहा । मूसा । कुलाभिमान को ऊंचा उठाये रखना। ऊंदरी-(ना०) १. चुहिया। २. पीठ की ऊंचीसरो-३० ऊंचासरो। नस में गांठ पड़ जाने का एक कष्ट साध्य For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy