Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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उपार पड़णो
( १३७ ) उघाड़ पड़णो-(मुहा०) १. समझ में ५. चित्त फट जाना। माना । २. रहस्य खुलना।
उचरणो-(क्रि०) उच्चार करना। कहना। उघाड़ बार-दे० उघाड़ो बारो। उचंगो-(वि०) १. उचक्का । उठाईगीर । उघाड़ बारो-(न०) १. खुला प्रवेश । २. चाँई। ठग। धूतं । ३. बदमाश ।
२. वह स्थान जिसमें चाहे जिधर से प्रवेश उचंडणो-(क्रि०) १. उठाना । उचकना । हो सके। ३. मुख्य द्वार के अतिरिक्त २. उछालना। बिना अवरोध के आने जाने का मार्ग। उचंत-दे० उधार । ४. चोर के आने जाने के लिए सरल उचंत खातो- दे० उधार खातो । मार्ग । ५. चोरी करके भाग जाने का उचाट-(ना०) १. व्यथा । पीड़ा। सरल मार्ग।
२. चिंता । ३. मन की अस्थिरता। उघाड़ीछाती-(ना०) हिम्मत । साहस । उचारणो-(क्रि०) १. उच्चारण करना । (वि०) साहसी वीर । (क्रि०वि०) अत्यन्त २. बोलना । कहना। वीरता पूर्वक ।
उचाळो-(नि०) १. दुष्काल या युद्ध आदि उघाड़ो-(वि०) १. नंगा । नग्न । उघारा। संकट के कारण सामूहिक रूप से निवास
२. खुला हुआ। बिना ढका हुआ ।। स्थान को छोड़ कर दूसरे किसी स्थान में ३. स्पष्ट । साफ । ४. प्रगट । ५. जो निवास हेतु किया जाने वाला प्रजा का बंद न हो। ६. नहीं प्रोढ़ा हुआ। प्रस्थान । २. संकट काल में देशान्तर उघाड़ो होणो-(क्रि०) १. नंगा होना।। निवास के लिये किया जाने वाला प्रजा
२. बदनाम होना। ३. खुल जाना। का एक साथ प्रस्थान । उच्चलन । ४. खुला होना।
उचावणो-(क्रि०)१. बोझा आदि उठाना । उघामणो-दे० उगामणो । उगरामणो। २. उठवाना। उचकरिणयो-(न०) किसी वस्तु को ऊंचा उचासरो-(न०) १. श्रेष्ठ जाति का श्वेत
उठाने के लिये उसके नीचे रखा जाने घोड़ा। २. इन्द्र के घोड़े का नाम । वाला ईंट, पत्थर आदि का टुकड़ा। उच- उच्चैःश्रवा। कन । टग। (वि०) १. उठाने वाला। उचाँचळो-(वि०)१. अविचारी। २. उद्धत । २. बोझा ढोनेवाला । ३. आँखों के ३. चंचल । ४. उतावला। सामने चोरी करने वाला। उचकाने उचित-(वि०) योग्य । मुनासिब । ठीक । वाला ।
उचीश्रव-दे० उचासरो। उचकणो-(क्रि०) १. उचकना । ऊपर उचैश्रव-दे० उचासरो। उठना । २. भागना ।
उचैस्रवो-दे० उचासरो। उचकावणो-(क्रि०) १. उचकाना। ऊपर उच्च-दे० ऊंचो । श्रेष्ठ ।
उठाना । २. आँखों के सामने किसी वस्तु उच्चळचित्तो-(वि०) १. उच्च हृदय । को चुरा लेना । उचकाना।
उदार । २. अस्थिर चित्त वाला। उचक्को -दे० उचंगो।
उच्चाटन-(न०) १. जुड़ी हुई वस्तु को उचटणो-(क्रि०) १. चौंकना । भड़कना। अलग करना । उखाड़ । २. एक बिचकना । १. नींद में चौंकना। ३. नींद अभिचार । उड़ जाना । ४. मन नहीं लगना। उच्चार-(न०) क्थन । बोल ।
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