Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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ऊदल
ऊनी प्राध
ऊद्रमर
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का प्राक्रमण होना । ३. उत्तर । ४. प्रत्यु- ऊधरो-(वि०) १. ऊर्ध्व । ऊंचा । २ उदार ।
सर । ५. सामने जबाब । मुंहजोरी। दानी। ३. साहसी । ४. उठा हुषा । ऊदल-(न०) १. उदयसिंह या उदयराज । उभरा हुआ। ५. विषम ।
का साहित्यिक या काव्य नाम । २. इन ऊधळरणो--(क्रि०) विवाहित पति को छोड़ नामों का लघुता-सूचक रूप ।
कर स्त्री का पर पुरुष के साथ भाग ऊद्रकणो--(शि०) १. डरना। भयभीत
जाना । उढ़रना। होना । २. चौंकना । काँपना।
ऊधळारण-(ना०) पति को छोड़कर पर । भागना।
पुरुष की पत्नी बन कर रहने वाली ऊध-(न०) बैलगाड़ी का एक उप
स्त्री। पर पुरुष के साथ भाग जाने
वाली स्त्री। करण । ऊधड़ो-(न०) १. किसी वस्तु या राशि
ऊधलाळ-दे० ऊधळाण । की तोल-माप पर कीमत निश्चित किये ।
ऊधळियोड़ी-(वि०) १. ब्यभिचारिणी। बिना किया गया क्रय-विक्रय । भाव-तोल
स्वैरिणी । २. स्वेच्छाचारिणी। ३. बिना
विवाह के पत्नी रूप से किसी पुरुष के के बिना अनुमान से कियागया क्रय-विक्रय ।
घर में रही हुई। ४. पर पुरुष के साथ २ अनुमान से निश्चित किया हुअा मूल्य ।
भागी हुई । ५. पर पुरुष के घर में पत्नी अनुमानित मूल्य । अंदाजा कीमत । रूप से रही हुई । उढरी । ३. मकान आदि के बनाने का ठेका। ऊधस-(न०) दूध । (न०) खांसी । (वि०) (वि०) बिना भाव-तोल का । बिना
ऊर्ध्व । ऊंचा। हिसाब का । (कि0 वि0) बिना भाव- ऊन-(ना.) भेड़ के बाल । ऊरणं । ऊन । तोल के।
(वि०) १. छोटा । २. थोड़ा। ऊधड़ो लेणो-(मुहा०) १. डाँट-फटकार ऊनड--(न0) ऊनड़ जाम नाम का एक बताना । धमकाना। २. बिना तोल,माप
प्रसिद्ध दानी राजा जिसने अपना राज्य के किसी वस्तु को खरीदना।
आउठकोड़ बंभणवाड़ (सामई) साँवळसुध ऊधम-(न०) १. शोर । कोलाहल । रोहड़िया को दान में दे दिया था।
२. शैतानी। शरारत । नटखटपना । ऊनमरणो-(क्रि०) बादलों की घटा का ३. उपद्रव । उत्पात । ४. लड़ाई।
उमड़ना। ऊधमणो-(क्रि०) १. अच्छे कार्यों में धन ऊनवा-(न0) एक मूत्र रोग ।
का खर्च करना। अतिथि-सत्कार, दान ऊनाळ ---(वि०) ग्रीष्म ऋतु से संबंधित । और कुल की मर्यादा पालन में धन का उष्णकाल संबंधी। (ना०) उनालू फसल । उपभोग करना । २. सत् कार्य करना ! ऊनाळ -साख-(ना०) रबी की फसल । ३. जीवन को सार्थक बनाना। ४. दान, ऊनालू खेती।। धर्म, वीरता पौर उपकारादि के काम ऊनाळो-(न०) ग्रीष्म ऋतु । उष्णकाल । करना । ५. दान करना।
ऊनियो—दे० उरणियो। ऊधमी-(वि०) ऊधम करने वाला । ऊनी-(वि०) १. ऊन का बना हुआ । ऊन शरारती।
से संबंधित । २. उष्णः गरम । ऊधरण-(वि०) उद्धार करने वाला। ऊनी आँच-(ना०) नुकसान, भय या (न०) उद्धार ।
अप्रतिष्ठित होने का प्रसंग ।
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