Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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(११ ) उच्चारण-(न०) १. शब्दों या वर्गों के पसंदगी । २. अधिक लाभ वाले भाग को
बोलने का ढंग । २. मुह से बोलना। लेने की छूट । ५. अभिरुचि । मन की उच्चैश्रवा-(न०) १. चौदह रत्नों में से पंसद । ६. कुदान । छलांग। एक । २. इंद्र का घोड़ा।
उछळ-कूद-(ना०) १. ऊधम । उतपात । उच्छव-(न०) १. उत्सव । २. पर्व। २. चंचलता । अधीरता । ३. शोरगुल । त्यौहार । ३. उत्साह ।
उछळणो-(क्रि०) १. कूदना । फाँदना । उछजणो-(क्रि०) १. प्रहार करने के लिये २. खुशी से फूलना । ३. जोश में आना ।
शस्त्र उठाना। २. हाथ ऊंचा उठाना। ४. प्रागे बढ़ना । ३. जोश में प्राना। ४. ऊपर उठना। उछळ-पाँती-(ना०) १. पसंदगी वाला ५. ऊपर उठाना।
भाग । २. अधिक लाभ वाला भाग । उछट-(ना०) १. कुदाई। २. भगदड़ । उछंग-(ना०) उत्संग । गोदी। क्रोड़।
३. पानी का धक्का। जोर की लहर। उछाळ-(ना०) १. पाणिग्रहण के बाद ४. लहर । तरंग । ५. उदारता।
दूल्हा-दुलहिन का जनिवासे जाते समय उछटणो-(क्रि०) १. कूदना। २. भागना।
मार्ग में ठौर-ठोर की जाने वाली रुपये३. पानी का धक्का आना। ३. लहर के
पैसों की निछरावल-वर्षा । २. राजा, धक्के से सम्हल नहीं सकना।
महंत या धनाढ्य की मृत्यु होने पर उछतं-(ना०) १. प्रसन्नता । खुशी ।
श्मशान यात्रा के समय मार्ग में की जाने २. इच्छा । चाह । ३. शक्ति . हैसियत ।।
वाली रुपये-पैसों की फेंकाई । ३. उछलने सामर्थ्य ।
की क्रिया । कुदाई। उछब-दे० उच्छव।
उछाळणो-(क्रि०) फेंकना । उछालना। उछरणो-(क्रि०) १. पालण-पोषण प्राप्त उछाळो-(न०) १. उछलने की क्रिया ।
करना । पालण-पोषण होना । २. पोषण २. ऊधम । शोर । ३. लहर। तरंग । पाना। ३. पोषण पाकर वयस्क या योग्य ४. उमंग । ५. जोश । ६. बिना सारहोना। ४. गाय भैस आदि पशुत्रों का सम्हाल के इधर-उधर बिखरी हुई और जंगल में चरने को जाना।
अव्यवस्थित रूप से पड़ी हुई सामग्री। उछरंग-(न०) १. उत्सव । २. हर्ष। उछाव-(न०) १. उत्सव । २. उत्साह । मानंद ।
३. हर्ष । ४. जोश । उछरंजण-(न०) दान ।
उछाह-दे० उछाव। उछळग-(न०) १. नाच । नृत्य । उच्छ- उछाँट-(ना०) वमन । कै । उलटी।
लांग । २. उमंग । उत्साह । ३. खुशी। उछेट-(ना०) अपूर्ण गर्भपात । प्रसन्नता।
उछेद-(न०) १. उच्छेद । खंडन । उछळ-(ना०) १. किसी कार्य को करने के २. नाश । ध्वंश ।। लिये या किसी वस्तु की पसंदगी अथवा उछेदणो-(क्रि०)१. उखाड़ना । २. खंडन उसको प्राप्त करने के लिये दूसरों से पहले करना । ३. नाश करना । दिया जाने वाला अवसर । २. अनेक उछेर-(न०) १. पालण-पोषण । भरणइकाइयों में से किसी एक की पसंदगी। पोषण । २. पुत्र-पुत्री की सन्तान । ३. अधिक लाभ वाले भाग को लेने की पाल-पोलाद । ३. पुत्र-पुत्री । संतान ।
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