Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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महीश (१)
गजाई अहीश-(न०) १. शेषनाग । २. शेषावतार अंकाळो-(न0) पाक की लकड़ी का लक्ष्मण ।
छिलका जिसकी रस्सी बटी जाती है। अहुटणो-दे० प्राहुटणो।
अंकावणो-(क्रि०) १. तुलवाना। २.किसी अहठ-(वि०) तीन और आधा। साढ़े वस्तु के परिमाण का अनुमान करवाना। तीन । हठो।
३. अंकित करवाना। चिन्ह लगवाना । अहेड़ी-दे० आहेड़ी।
दगवाना। अहेस–दे० अहीश।
अंकित-(वि०) १. चिन्हित । २. लिखित । अहेसुर-(न०) अहीश्वर । शेषनाग। ३. वरिणत । ४. अनुमानित ।। अहोटणो-(क्रि०) १. उठाना। २. वजन अंकुर-(न०) १. अँखुमा । २. कोंपल ।
को उठाना । ३. हटाना। ४. मारना। ३. भरते घाव में उठने वाले छोटे-छोटे अहोड़ो-(न०) १. गुरुजनों की बात का दाने।
अशिष्ट व नकारात्मक उत्तर । २. अवज्ञा- अंकुश-दे० अंकुस । पूर्ण उत्तर । ३. अशिष्ट कथन । अंकुस- (न०) १. प्रतिबंध । रोक । ४. अशिष्ट संबोधन ।
२. भय । डर। ३. हाथी को वश में अहोनिस-(क्रि०वि०) १. अहर्निश । रात- रखने व हाँकने का लोहे का बना हुआ दिन । २. निरंतर । सदा।
एक काँटा। अहोभाग-(न०) अहोभाग्य । सौभाग्य । ग्रंकूसमख--(10) रथ । अंक-(न०) १. भाग्य । प्रारब्ध । २. उप- अंके-(अव्य०) १. अंकों में । २. अंकों में
कार । अहसान । ३. गोद । ४. नाटक इस प्रकार है। (न0) ग्रंकों में लिखी जान का एक अंश । ५. संख्या का चिन्ह । वाली संख्या। ६. संख्या । अांक । ७. नौ की संख्या। अंकोडो--(10) १. लम्बे बाँस में बंधा हा ८. पत्र-पत्रिकाओं का समयावधि में हँसिया । २. जंजीर की कड़ी। ३. हुक ।
प्रकाशित नंबर । ६. धब्बा । दाग। अंकुड़ा। अंकगणित-(ना०) १. वह विद्या जिसमें अंग-(न०) १. शरीर । २. शरीर या
संख्याओं के जोड़ने, घटाने, गुणा, भाग वस्तु का कोई भाग । अवयव । ३. अंश । इत्यादि के करने की रीति बतलाई जाती भाग । ४. स्वभाव । ५. पक्ष । (सर्व०)
है। २. हिसाब-लेखा करने की विद्या। आप । स्वयम् । अंकड़ो-(न०) १. लोहे का एक प्रकार का अंग-उधार--(10) १. बिना एवजाना
कांटा। अंकोड़ा । २. हुक । (वि०) लिये दिया जाने वाला ऋण । हाथबांका। टेढ़ा।
उधार। २. बंधक रखे बिना लिया हुआ अंकपळाई-(ना0) अंकों के माध्यम से ऋरण । लिखने या बातचीत करने की विद्या। अंग-खंभ-(न0) हाथी। अंकपल्लवी । अंकलिपि ।
अंगज-(न०) १. पुत्र । दीकरो। २. केश। अंकमाळ-(न०) आलिंगन । गले लगाना। ३. पसीना । परसेवो । ४.जू । ५. कामअंकाई-(ना०) १. आँकने या तोलने का देव । ___ काम । २. प्रांकने की मजदूरी। अंगजा-(ना०) पुत्री। दीकरी। अंकारणो-दे० अंकावणो ।
अंगजाई-दे० अंगजा। .
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