Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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अंजळी
अंतरवान अंजळी-(नाo) हथेली का एक सम्पुट। अंडोळो-(वि०) प्राभूषण रहित ।। अंजलि । लप।
अंढो-(न०) दिन का पिछला पहर । अंजस-(न०) १. आत्मीय जनों के सुकृत्यों ढलता दिन ।
से होनेवाला गर्व । २. अपनी प्रतिष्ठा अंतःकरण-(न०) १. हृदय । २. मन । का गर्व । ३. स्वाभिमान । ४. गर्व । ३. विवेक । ५. प्रसन्नता।
अंतःपूर-(न०) रनिवास । जनाना घर । अंजसणो-(क्रि०) १. गर्व करना । अंत-(न०) १. मृत्यु । अवसान । २. प्रसन्न होना।
२. समाप्ति । अखीर । ३. छोर । अंजाम-(न०) १. परिणाम । नतीजो। ४. परिणाम । (वि०) निकृष्ट । फळ । २. अंत । समाप्ति ।
__ अंतक-(न०) १. यमराज। २. काल । अंजीर-(न०) १. गूलर के समान एक मृत्यु । ३. शत्र । ४. नष्ट करने फल । २. इस फल का वृक्ष ।
वाला। अंट-(न०) १. नोक । २. कलम की नोक। अंतकरण-दे० अंतःकरण ।
३. निब । ४. अंटी । टेंट । ५. भाग्य। अंतकराय-(न०) यमराज । जमरायो। अंटस-(ना०) बैर । शत्रुता । दुसमणी। अंतकाळ-(न०) मृत्यु काल । मौत । अंट-संट-(वि०) १. विषयच्युत । २. क्रम- अंतक्रिया-(ना०) मरणोपरान्त किया
रहित । बेढंग। (न०) व्यर्थ की बात- जाने वाला संस्कार । अंत्येष्टिक्रिया। चीत । बकवाद । प्रलाप । (क्रि० वि०) अंतजथा-(ना०) डिंगल गीत रचना का बिना सोचे विचारे । कुछ का कुछ। एक नियम । अंटागो--दे० अंटावरणो।।
अंत बिगड़गो-(मुहा०) मृत्यु समय दुरअंटावरगो-(क्रि०) मालिक की मौजूदगी वस्था होना । मौत बिगड़ना। में उसकी आँख बचाकर उसकी किसी अंतमेळ-(न०) राजस्थानी दोहे (दूहे) का वस्तु को चुरा लेना।
एक भेद । वडो हो। अंटी-(ना०) धोती की गिरह । टेंट। अंतर-(न०) १. भेद । फर्क । २. दूरी । खुटी।
फासला । ३. अंतःकरण । हृदय । अंड-(न0) १. अंडकोश । २. अंडा। ४. अतर । इत्र । ५. समय । काल । अंडकोश--(न0) फोता। आंड । पोत- (क्रि० वि०) भीतर । अंदर । वाळिया।
अंतरगति-(ना०) मन का भाव । अंडज-(वि०) अंडे से उत्पन्न (पक्षी आदि)। अंतरछाल-(ना०) पेड़-पौधों के तने, अंडजा-(ना०) कस्तूरी।
___ शाखा और जड़ के ऊपर की छाल के अंडबंड-(वि०) १. असम्बद्ध । बे सिर नीचे की पतली छाल । पैर का । २. अनुचित ।
अंतरजामी-(वि०) मन की बात जानने अंडाकार-(वि०) अंडे के समान आकार वाला । अंतर्यामी । (न०) ईश्वर । वाला।
अंतरदशा---(ना०) १. मन की अवस्था । अंडी-(ना०) एक प्रकार का मोटा रेशमी २. गड़ी दशा (गज दशा) के अंदर चलने कपड़ा । अरंडी।
वाली छोटी दशा । (ज्योतिष)। अंडो-(न०) अंडा । ईडो।
अंतरदान-(ना०) इत्रदान । अंतरदानी ।
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