Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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ईदावाटी । १३३ )
उकरांस उठाने के लिये स्त्रियाँ सिर पर रखती ईनै—(सर्व०) १. इसने । २. इसको । इसे है। इंडुरी । ईंडुप्रा।
(क्रि०वि०) इधर । इस ओर । ईदावाटी-(ना०) मारवाड़ में ईदा-परिहारों ईं पर-(प्रव्य०) १. इस पर । तदुपरान्त ।
का एक क्षेत्र । जोधपुर के पश्चिम में २. इसके पश्चात् । इसके ऊपर ।
ईदा-राजपूतों की जागीर का प्रदेश। ईंयाँ-(क्रि०वि०) १. ऐसे । २. वैसे । इंधण-(न०) भोजन बनाने के लिये जलाने
इंयाँरै-(सर्व0) इनके। की लकड़ी, कंडा आदि । जलावन । इंधणी-(ना०) भोजन पकाने के लिये काम
ईयाँरो-(सर्व०) इनका। में पाने वाली (जलाने की) की लकड़ी। इंरो-(सर्व०) इसका । बलीते की लकड़ी (बलीता)।
इंसू-(सर्व०) इससे ।
उ-संस्कृत परिवार की राजस्थानी भाषा उए-दे० उवे ।
की वर्णमाला का पांचवां प्रोष्ठ स्थानीय उकट-(न०) १. कसाव । कसेलापन । स्वर वर्ण ।
२. क्रोध । गुस्सा। ३. मनोमालिन्य । उपब-(न०) १. उद्भव । जन्म । १. वृद्धि। ४. जोश । मनोवेंग । ५. पावेश । बढती (वि०) अद्भत ।
उकटणो-(क्रि०) कसाव पैदा होमा । उमणो-(क्रि०) उगना ।
कसाना । २. क्रोध पैदा होना । ३. मनोउग्रर-(न०) उर । हृदय ।
मालिन्य पैदा होना । ४. जोश में माना। उग्रह-(न०) उदधि । समुद्र ।
उकत-(ना०)१. उक्ति । कथन । २.समझ। उप्रारणो-(क्रि०) उगाना ।
बुद्धि । ३. युक्ति । उपाय । उपारण-(न०) १. न्योछावर करने की उकताइजरणो-(क्रि०) १. उकता जाना ।
वस्तु। २. निछावर । उत्सर्ग । ३. उद्धार । ऊब जाना । २. अधीर होना । रक्षा। बचाव । (वि०) उद्धार करने उकतारणो-दे० उकताइजणो । वाला।
उकतावरणो-दे० उकताइजरणों । उपारणा-(न०) बलैया । न्योछावर । उकती-दे० उकत । उपारणो-(क्रि०) निछावर करना । उकतीवान-(वि०) १. उक्ति वाला ।
बलिहार जाना । (न०) निछावर । उत्सर्ग। २. बुद्धिमान । ३. प्रत्युत्पन्नमति । उग्रारो-(न०) १. उत्सर्ग । निछावर । उकर-(न०) बाण ।
२. गांव से बाहर निकलने का उकरड़ी-(ना०) छोटा उकरड़ा । धूरी । मार्ग । गाँव से बाहर निकलने के मार्ग उकरड़ो-(न०) १. कूड़े-कचरे का ढेर । का अंतिम छोर तथा प्रवेश करने के मार्ग पूरा । २. कूड़ा-कचरा डालने की का सिरा।
जगह। उओं-दे० उणां ।
उकरास-(न०) १. चाल । धूत्तता। उग्रारो-दे० उवार।
२ युक्ति । उपाय । ३. कौशल । ४. प्रवउप्रारो-३० उवारो।
सर । मौका । ५. खेल का दांव ।
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