Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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ईरखो ( १३२ )
इंढोणी ईरखो-(न०) ईर्ष्या ।
ईसाणंद-(न०) भक्तकवि ईसरदास बारहठ ईरण -(ना०) अग्नि ।
का महत्व सूचक नाम । ईली-(ना०) अनाज का एक कीड़ा । अन्न- ईसारण-दे० ईशान । कीट । इलीका ।
ईसाणी-(वि०) ईशान दिशा की । ईलोजी--(न०) होली के हुड़दंग की एक ईसान-दे० ईशान । (सं० पु०) अहसान । __ अश्लील मूर्ति ।
उपकार । ईवाड़ो-(न०) भेड़-बकरियों का बाड़ा। ईसुरी-दे० ईश्वरी। ईश-दे० ईश्वर ।
ईह-(सर्व०) यह । (सं०स्त्री०) इच्छा । ईशान-(न०) उत्तर-पूर्व के मध्य का कोण। ईहग-(न०) १. याचक । २. चारण ।
ईशान दिशा । २. शिव । महादेव । ३. भाट । (वि०) इच्छुक । ईश्वर-(न०) १. ईश्वर । परमेश्वर । ईहण-दे० ईहग ।
२. शंकर । महादेव । ३. स्वामी । प्रभु। ईहा-(ना०) इच्छा । ईश्वरी-(ना०) १. दुर्गा । भगवती । ईहाड़-(ना०) एक तोप । २. पार्वती । भवानी।
ईं-(सर्व०) १. इस । २. इसने । ३. यह । ईस-(न०) ईश्वर सं० १, २ ३, (ना०) ईंकी-(सर्व०) इसकी।
१. खाट की चौखट की लंबी लकड़ी। ईंके-(सर्व०) इसके । चारपाई के चौखटे की दाहिने या बाएँ ईको-(सर्व०) इसका। की लकड़ी । २. किसी भूभाग की लंबाई। इंगी-(सर्व) इसकी । ३. लंबाई की ओर का नाप ।
इंगो-(सर्व०) इसका । ईसको--(न०) ईर्षा । डाह ।
ईजाँ-(क्रि० वि०) यहाँ । ईसर-दे० ईश्वर ।
ईंट-(ना०) १. पकाया हुआ मिट्टी का ईसरजी-(न०) १. महादेव की वह मूर्ति
चौकोर टुकड़ा जिसे सीमेन्ट, चूना या जो जामा, खिड़किया पाघ और तुरें
मिट्टी के गारे से जोड़कर मकान की कलगी वाली राठौड़ी वेशभूषा में गनगौर
दीवार बनाई जाती है। ईट । २. चार के उत्सव (गौरी पर्व) पर गौरी की मूर्ति के साथ प्रशित की जाती है। २. महा.
कोनों की बूटी वाला ताश का पत्ता । देवजी । शिवजी।
ईंटाड़ी-दे० ईट। ईसरदास-(न०)मालाणी प्रदेश (मारवाड़) इटाळा (न०) १. इट का टुकड़ा । (वि०)
के भादरेस गाँव के निवासी प्रसिद्ध भक्त १. ईटो वाला । इट पकाने वाला । कवि ईसरदास बारहठ ।
इंटोड़ो-(न०) ईंट का टुकड़ा । ईसरी-दे० ईश्वरी।
इंडो-(न०) १. अंडा । २. देव-मंदिर के ईसरेस-(न०) महादेव । ईश्वरेश। शिखर के ऊपर का स्वर्णादि का बना ईसवीसन-(न०) ईसा के जन्म-काल से हुमा एक विशेष प्रकार का कलश । __ चलाया हुआ वर्ष ।
इंडोणी-दे० इंढोणी। ईसा-(न०) ईसाई धर्म का प्रवर्तक। ईसा- इंदणी-दे० इंढोणी । मसीह ।
ईंढोणी-(ना०) कपड़े आदि की बनी एक ईसाई-(न०) ईसा के मत को मानने विशेष प्रकार की गोल गट्टी (कुडली) वाला।
जिसको पानी का घड़ा मादि बोझा
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