Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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अंगजात
अंगजात दे० अंगज । अंगजाया— दे० अंगजा । अंग टूटरो - ( मुहा० ) शरीर में दर्द होना । कळतर होगी । अंगड़ाई - ( ना० ) अंगों को ऐंठाना ( प्रायः जम्हाई लेने के साथ) । अंगड़ारणो - ( क्रि०)
अंगड़ाई लेना ।
( ५२ )
अंगड़ाना ।
अंगरण -- ( ना० ) १. अंगना । स्त्री । २. श्रांगन । ३. चौक ।
अंगणा - ( ना० ) अंगना । स्त्री । अंग तोड़णी - ( मुहा० ) खूब
करना ।
अंगवारण - - ( न० ) कवच | अंगद - ( न० ) १. प्रसिद्ध वानर वाली के
परिश्रम
पुत्र का नाम । २. बाजूबंद । अंगदार - ( वि०) १. अपने स्वभाव के विरुद्ध आचरण को सहन नहीं करने वाला । २. किसी के परामर्श को नहीं मानने वाला । ३. हठीला ४. एकंगो । ५. नखरों वाला ।
अंगना - ( ना० ) स्त्री । अंगबळ - ( न० ) १. स्वबल । २. स्वावलंबन | ३. स्वाभिमान । ४. घृत । घी । अंग मरोड़ो - ( मुहा० ) १. प्रालस खाना । २. अंग को ऐंठाना ।
अंग मोड़ो - ( मुहा० ) करवट बदलना । अंगमाठ - ( वि०) १. सुस्त । आलसी ।
२. मस्त । ३. अभिमानी । ४. बलाभि - मानी । ५. बलिष्ठ । अंगरखी - ( ना० ) पुरानी ढब का कसों से बाँधा जाने वाला बाँहों और घड़ में पहनने का एक वस्त्र । अंगरखो-दे० अंगरखी ।
अंग रखो - (वि०) १. हठी | जिद्दी । २. स्वेच्छाचारी । ३. एक स्वभाव का । एकंगो ।
मंगी
अंगरळी - ( ना० ) १. मैथुन । संभोग । २. मौज | आनंद |
अंगरस - ( न० ) १. वीर्यं । २. संभोग ।
३. रक्त । लोही ।
अंगरंग - ( न०) संभोग । अंगसंग । अंगराग - ( न० ) १. उबटन । २. महावर । ३. शरीर की सजावट । ४. शरीर के सजावट की सामग्री ।
अंगरेज -- ( न० ) इंगलैंड का निवासी । अंग्रेज | अंगरेजी
- ( ना० ) अंगरेजों की भाषा । इंगलैंड की भाषा । अंग्रेजी ।
अंगळ - ( ना० ) १. छेड़छाड़ । २. मजाक ।
३. ताना । चुटीली बात । अंग लागो - ( मुहा० )
१. जँचना ।
२. हृदय में बैठना । ३. चिपटना । अंग- लीलंग -- (न०) हंस | अंगवढी - ( ना० ) १. परिश्रम द्वारा दी जाने वाली पारस्परिक सहायता । २. शारीरिक परिश्रम । अंग वारो - दे० अंगवढी । अंगसंग -- ( न० ) संभोग । अंगरंग । अंगहीर - (वि०) बिना अंग का | खंडितांग | अंगार - ( न० ) अंगारा । अंगारो । अंगारक - ( न० ) १. अंगारा । २. उपलों के अंगारों में सेकी जाने वाली बाटी 1 वटक । रोटो | दड़ियो । अंगारों - लाग- ( न०) दाह संस्कार । अंगारो - ( न० ) १. दहकता हुआ कोयला ।
अंगारा । चिनगारी ।
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अंगिया - ( ना० ) १. चोली । कंचुकी । काँचळी । २. तीर्थंकर की मूर्ति के गले के नीचे के समस्त आगे के अंग में धारण कराई जाने वाली सोने या चाँदी की खोल । श्राँगी ।
अंगी - (वि०) देहधारी । ( न०) नाटक का प्रधान नायक । दे० अंगिया सं. २ ।
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