Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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पॉईणो ( ११६ )
प्रांगमणों आँईणो-(न०) १. किसी व्यक्ति के यहाँ जिसके एक सिरे पर हँसिया बंधी रहती भैंस-गायों के दूध देना बंद हो जाने की है । २. लोहे का एक टेढ़ा काँटा । स्थिति । वह समय या स्थिति जिसमें आँकोर-दे० आँकूर । किसी व्यक्ति के दूधारू पशुओं ने पुनः आँख-(ना०) १. नेत्र । लोचन। २. आलू, बियाने तक दूध देना बंद कर दिया हो। गन्ना आदि का वह भाग या स्थान जहाँ २. घर में दूध देने वाले पशुओं का से अंकुर फूटता है। ३. वृक्ष. पौधे आदि प्रभाव।
की शाखा का वह अंकुर जिसको किसी आँक-(न०) १. अंक । चिह्न। निशान । अन्य वृक्ष या पौधे में कलम करने के २. संख्या का चिह्न । ३. रुपये का बीसवाँ लिये काम में लाया जाता है। ४. मोटे भाग (गणित)। ४. रुपये का सौवाँ भाग चमड़े की सिलाई करने के लिये किया ( ब्याज-फलावट में ) । दोकड़ा । जाने वाला छेद । ५. सुराख । छेद । ५. भाग्य । ६. प्रतीक । ७. सीमा। आँखड़ली-(ना०) आँख । ८. गोद ।
आँखड़ी-(ना०) आँख। प्राँकड़ो-(न०) १. माल खरीदने-बेचने अाँख फूटणी-(ना०) एक लता । (मुहा०)
का वार्षिक विवरण । २. पाय-व्यय का आँख में चोट लगना। २. चोट लगने से वार्षिक विवरण। ३. माल खरीदी का अाँख का बेकार होना । ब्योरे वार पुरजा । बिल । ४. एक अाँख मीचणी-(ना०) आँख-मिचौनी का मौजार या शस्त्र । ५. संख्या ।।
खेल । (मुहा०) मरना । मरजाना । आँकरणो-(क्रि०) १. मूल्यांकन करना । अाँख-रातंबर-(न0) ऊँट ।
२. तोलना। ३. कूतना। अनुमान आँखाँ-अखम-(वि०) अंधा । करना । ४. निश्चित करना । ५. निशान आँखाँ-जखम-(वि०) अंधा। लगाना।
अाँख्याँ-संजम-(वि०) अंधा। आँकल-(वि०) दाग करके निशान लगाया आँगछ-दे० प्राँकस । हुआ (पशु) । चिन्हित । २. गिनती में प्राँगणो—(न०) १. आंगन । २. चौक । उस कोटि का । ३. वीर ।
(क्रि०) बैलगाड़ी के पहिये की धुरी में आँकस-(न०) १. अंकुश । भय । डर। तेल देना । औंगना। २. रोक । प्रतिबंध ।
प्रागनियो-दे० प्रोगनियो। प्राँकुस-दे० प्रांकस।
आँगम-(न०) १. अधिकार । २. गवं'। आँकर-(न०) ठीक होते हुए घाव में आने ३. शक्ति । बल । ४. हिम्मत । साहस । वाले अंकुर । जखम का भराव ।
५. उत्साह। आँको-(न०) १. पतन। २. भाग्य। आँगमरण-(न०) १. वश । अधिकार । उत्थान । ३. भवितव्यता। ४. सीमा । २. गर्व । ३. शक्ति । बल । ४. साहस । मर्यादा।
५. उत्तेजन । ६. सहनशक्ति । (वि०) प्राँको प्राणो (मुहा०) १. दुदिन पाना। १.वेगों को तीव्र करने वाला। उत्त२. भाग्य पलटना।
जक । २. उकसाने वाला । प्रेरक । प्राँको प्रावणो–दे० प्राँको प्राणो। आँगमणो--(क्रि०) १. युद्ध करना । माकोड़ियो-(न०) १. एक लंबा बाँस २. प्राक्रमण करना । ३. साहस करना ।
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