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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अंजळी अंतरवान अंजळी-(नाo) हथेली का एक सम्पुट। अंडोळो-(वि०) प्राभूषण रहित ।। अंजलि । लप। अंढो-(न०) दिन का पिछला पहर । अंजस-(न०) १. आत्मीय जनों के सुकृत्यों ढलता दिन । से होनेवाला गर्व । २. अपनी प्रतिष्ठा अंतःकरण-(न०) १. हृदय । २. मन । का गर्व । ३. स्वाभिमान । ४. गर्व । ३. विवेक । ५. प्रसन्नता। अंतःपूर-(न०) रनिवास । जनाना घर । अंजसणो-(क्रि०) १. गर्व करना । अंत-(न०) १. मृत्यु । अवसान । २. प्रसन्न होना। २. समाप्ति । अखीर । ३. छोर । अंजाम-(न०) १. परिणाम । नतीजो। ४. परिणाम । (वि०) निकृष्ट । फळ । २. अंत । समाप्ति । __ अंतक-(न०) १. यमराज। २. काल । अंजीर-(न०) १. गूलर के समान एक मृत्यु । ३. शत्र । ४. नष्ट करने फल । २. इस फल का वृक्ष । वाला। अंट-(न०) १. नोक । २. कलम की नोक। अंतकरण-दे० अंतःकरण । ३. निब । ४. अंटी । टेंट । ५. भाग्य। अंतकराय-(न०) यमराज । जमरायो। अंटस-(ना०) बैर । शत्रुता । दुसमणी। अंतकाळ-(न०) मृत्यु काल । मौत । अंट-संट-(वि०) १. विषयच्युत । २. क्रम- अंतक्रिया-(ना०) मरणोपरान्त किया रहित । बेढंग। (न०) व्यर्थ की बात- जाने वाला संस्कार । अंत्येष्टिक्रिया। चीत । बकवाद । प्रलाप । (क्रि० वि०) अंतजथा-(ना०) डिंगल गीत रचना का बिना सोचे विचारे । कुछ का कुछ। एक नियम । अंटागो--दे० अंटावरणो।। अंत बिगड़गो-(मुहा०) मृत्यु समय दुरअंटावरगो-(क्रि०) मालिक की मौजूदगी वस्था होना । मौत बिगड़ना। में उसकी आँख बचाकर उसकी किसी अंतमेळ-(न०) राजस्थानी दोहे (दूहे) का वस्तु को चुरा लेना। एक भेद । वडो हो। अंटी-(ना०) धोती की गिरह । टेंट। अंतर-(न०) १. भेद । फर्क । २. दूरी । खुटी। फासला । ३. अंतःकरण । हृदय । अंड-(न0) १. अंडकोश । २. अंडा। ४. अतर । इत्र । ५. समय । काल । अंडकोश--(न0) फोता। आंड । पोत- (क्रि० वि०) भीतर । अंदर । वाळिया। अंतरगति-(ना०) मन का भाव । अंडज-(वि०) अंडे से उत्पन्न (पक्षी आदि)। अंतरछाल-(ना०) पेड़-पौधों के तने, अंडजा-(ना०) कस्तूरी। ___ शाखा और जड़ के ऊपर की छाल के अंडबंड-(वि०) १. असम्बद्ध । बे सिर नीचे की पतली छाल । पैर का । २. अनुचित । अंतरजामी-(वि०) मन की बात जानने अंडाकार-(वि०) अंडे के समान आकार वाला । अंतर्यामी । (न०) ईश्वर । वाला। अंतरदशा---(ना०) १. मन की अवस्था । अंडी-(ना०) एक प्रकार का मोटा रेशमी २. गड़ी दशा (गज दशा) के अंदर चलने कपड़ा । अरंडी। वाली छोटी दशा । (ज्योतिष)। अंडो-(न०) अंडा । ईडो। अंतरदान-(ना०) इत्रदान । अंतरदानी । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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