________________
मुहूर्तराज ]
[२५
पृष्ठ सं.
क्र.सं. शीर्षक नाम
पृष्ठ सं.
रस..
१९६ मांगलिक कार्यों में अब्दादि अनेक
दोषों का परिहार १९७ आत्मच्छायोपरि इष्टघटी ज्ञान १९८ रात्रि में इष्टघटी ज्ञान
-: इति शुभाशुभ प्रकरणम् :(अथ लग्नशुद्धि प्रकरण)
क्र.सं. शीर्षक नाम १६४ वक्रातिचारगत गुरु में वर्जनीय कार्य १६५ होलिकाष्टक दोष एवं अपवाद
(विवाह विचार) १६६ विवाह दस दोष १६७ पंचशलाका यत्र निर्माण विधि १६८ पंचशलाका यन्त्र १६९ अन्यत्र कार्यों में सप्तशलाका यन्त्र १७० लत्ता दोष १७१ लत्ता दोष ज्ञापक सारणी १७२ लत्ता दोष फल १७३ पात दोष १७४ पात संज्ञाएँ १७५ पात दोष ज्ञापक सारणी १७६ युति दोष १७७ युति फल १७८ विवाह में वयं पंचशलाका वेध १७९ सप्तशलाका वेध १८० सप्त शलाका वेध यन्त्र १८१ इस वेध का अपवाद १८२ पाद वेध विषय में वशिष्ट १८३ वेध फल १८४ यामित्र दोष १८५ यामित्र फल १८६ पंचाख्य बाण दोष . १८७ समय-वार-कार्य भेद से बाणदोष परिहार १८८ त्रिविध बाणदोष परिहार ज्ञापक सारणी
१ लग्न जानने की विधि २ लग्न स्थिति मान ३ लग्ननवांश ज्ञान ४ नवांश प्रधानता ५ कुण्डली बारह स्थानों के नाम ६ भावों की केन्द्रादि संज्ञाएँ
भाव केन्द्रादि ज्ञापक सारणी ८ ग्रह राशि-स्थिति मान ९ ग्रहों की उच्च, नीच एवं मूल त्रिकोणासांश
राशियाँ १० ग्रह स्वराश्यादि ज्ञापक सारणी
ग्रहों के उच्चत्व नीचत्व का प्रयोजन १२ ग्रहों के वर्ण १३ ग्रहों की स्थानों पर दृष्टियाँ १४ क्रूर और सौभ्य ग्रह १५ भाव बलाबल ज्ञान १६ लग्न शुद्धि १७ सर्वथा लग्नभङ्गकर्ता ग्रह १८ लग्न में रेखा देने वाले ग्रह १९ ग्रह रेखास्थान ज्ञापक सारणी २० लग्न में निषिद्ध ग्रह २१ कर्तरी दोष २२ लग्न विंशोपका २३ लग्न भंगकारों कर्तरी आदि परिहार २४ उक्तानुक्त अनेक दोषों के अनेक परिहार
१८९ एकार्गल दोष १९० उपग्रह दोष १९१ उपग्रह अपवाद १९२ विद्युदादि त्रयोदश उपग्रह दोष
बोधक-सारणी १९३ क्रान्ति साम्य चक्र १९४ क्रान्ति साम्य चक्र १९५ लत्तादि दोष परिहार
८३-८४
-: इति लग्न शुद्धि प्रकरणम् :
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org