________________
२८५
२८९
गाथा - ४२
२९५
२९६
२९८
गाथा - ३७, ३८, ३९ आयु को छोड़ कर शेष सात कर्मों का होने वाले कार्य
विशेष का निरूपण
स्थितिसत्व की अपेक्षा अल्पबहुत्व गाथा - ४०, ४१ उदीरणा का प्रारंभ कब होता है ?
संयम घाती कषायों की तब कितनी स्थिति होती है ? ।
वेदत्रिक और संज्वलनचतुष्क की स्थिति का अल्पबहुत्व गाथा - ४३, ४४, अंतरकरण के बाद दूसरे समय में प्रारंभ होने वाले
४५, ४६ कार्य और उनका स्पष्टीकरण गाथा-४७
पुरुषवेद के स्थितिबंध की विशेषता
संज्वलनकषायों के स्थितिबंध की विशेषता गाथा-४८
अवेदक होने के बाद क्रोधत्रिकों आदि के उपशमन
का क्रम गाथा - ४९
संज्वलनलोभ की प्रथमस्थिति का प्रमाण
किट्टियों का निरूपण गाथा - ५०
किट्टियों के उत्तरोत्तर करने का क्रम
किट्टियों के प्रदेशप्रमाण का निरूपण गाथा - ५१
किट्टियों के उत्तरोत्तर अनुभाग का प्रमाण गाथा - ५२, ५३ संज्वलनलोभ, शेषघाती और अघाती कर्मों के
उत्तरोत्तर हीन स्थितिबंध का प्रमाण गाथा- ५४
किद्रियों की उदीरणा का काल गाथा - ५५ द्वितीय स्थितिगत दलिकों को उपशमित करने का
समय व क्रमः गाथा - ५६ उपशांतमोहगुणस्थान में होने वाले कार्य गाथा - ५७ उपशांतमोहगुणस्थान में मोहनीयकर्म का रूप
मान आदि कषायों की अपेक्षा श्रेणीआरोहण का वर्णन
उपशमश्रेणी से पतन होने के क्रम का वर्णन गाथा – ५८, ५९, गिरते समय होने वाली स्थिति का वर्णन
६०, ६१
३०१
३०२
३०३
३०४
३०५
३०५
३०६
[२५]