Book Title: Shatkhandagama Pustak 02
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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४२८ ] छक्खंडागमे जीवहाणं
[१, १. सम्मामिच्छाइट्ठीणमाघालावे भण्णमाणे अस्थि एवं गुणहाणं, एओ जीवसमासो, छ पजचीओ, दस पाण, चत्तारि सण्णाओ, चत्तारि गदीओ, पंचिंदियजादी, तसकाओ, दस जोग, तिण्णि वेद, चत्तारि कमाय, अण्णाण-मिस्माणि तिणि णाणाणि, असंजमो, दो दसण, दव्य-भावेहि छ लेस्साओ, भवसिद्धिया, सम्मामिच्छत्तं, सण्णिणो, आहारिणो, सागारुखजुत्ता होति अणागारुखजुत्ता वा ।
, असंजदसम्माइट्ठीणमोघ-परूवणे भण्णमाणे अत्थि एवं गुणट्ठाणं, दो जीवसमासा, छ पजत्तीओ छ अपञ्जत्तीओ, दस पाण सत्त पाण, चत्तारि सण्णाओ, चत्तारि गदीओ, पंचिंदियजादी, तसकाओ, तेरह जोग, तिण्णिवेद, चत्तारि कसाय, तिण्णि णाण, असंजमो, तिणि दसण, दव्य-भावहिं छ लेस्साओ, भवसिद्धिया, तिण्णि
- सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीवोंके ओघालाप कहने पर-एक तीसरा गुणस्थान, एक संक्षीपर्याप्त जीवसमास, छहों पर्याप्तियां, दशों प्राण, चारों संज्ञाएं, चारों गतियां, पंचेन्द्रियजाति, असकाय, आहारकद्विक और अपर्याप्तसंबन्धी तीन योगोंके विना दश योग, तीनों वेद, चारों कषायें, अशान-मिश्रित आदिके तीनों ज्ञान, असंयम, चक्षु और अचक्षु ये दो दर्शन, द्रव्य और भावरूप छहाँ लेझ्याएं, भव्यसिद्धिक, सम्यग्मिथ्यात्व, संज्ञिक, आहारक, साकारोपयोगी और अनाकारोपयोगी होते हैं।
_ विशेष-मिश्रगुणस्थानवाले जीव पर्याप्तक ही होते हैं, इसलिये मिश्रगुणस्थानके उक्त सामान्यालाप ही पर्याप्तकके समझना चाहिये।।
असंयतसम्यग्दृष्टि जीवोंके ओघालाप कहने पर एक चौथा गुणस्थान, संक्षी-पर्याप्त और संझी-अपर्याप्त ये दो जीवसमास, छहों पर्याप्तियां, छहों अपर्याप्तियां दश प्राण, सात प्राण; चारों संज्ञाए, चारों गतियां, पंचेन्द्रियजाति, सकाय, आहारकाद्विकके विना तीनों वेद, चारों कषायें, तीन ज्ञान, असंयम, केवलदर्शनके विना तीन दर्शन, द्रव्य और भावरूप छहों लेश्याएं, भव्यसिद्धिक, औपशमिक, क्षायिक और क्षायोपशमिक ये तीन
रह योग,
सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंके आलाप. | गु. जी | प. प्रा. सं.) ग./ ई. । का. ( यो. । वे. क. ज्ञा. | संय. द. ले. | म. स. संशि. आ. उ. | |२|१६ १०४४।१।१ । १० ३ ४ ३ १ २ द्र. ६१४१ १ १ २ सम्य.सं. पंचे. स. म. ४ ज्ञान. असं. चक्षु. भा.६ भ. सम्य. स. आहा. साका. अज्ञा. अचक्ष
अना. औ.१
व. ४
मिथ.
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