Book Title: Shatkhandagama Pustak 02
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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५४४]
छक्खंडागमे जीवहाणं
[१, १.
तेसिं चेव पजत्ताणं भण्णमाणे अत्थि चत्तारि गुणहाणाणि, एओ जीवसमासो, छ पज्जत्तीओ, दस पाण, चत्तारि सण्णा, देवगदी, पंचिंदियजादी, तसकाओ, णव जोग, दो वेद, चत्तारि कसाय, छ णाण, असंजम, तिण्णि दंसण, दव्वेण छ लेस्सा, भावेण जहणिया तेउलेस्सा, भवसिद्धिया अभवसिद्धिया, पंच सम्मत्तं, सणिणो, आहारिणो, सागारुवजुत्ता होंति अणागारुबजुत्ता वा ।
तेसिं चेव अपज्जत्ताणं भण्णमाणे अत्थि दो गुणट्ठाणाणि, एओ जीवसमासो, छ अपज्जत्तीओ, सत्त पाण, चत्तारि सण्णाओ, देवगदी, पंचिंदियजादी, तसकाओ, दो जोग, दो वेद, चत्तारि कसाय, दो अण्णाण, असंजमो, दो दंसण, दव्वेण काउ-सुक्कलेस्साओ, भावेण किण्ह-णील-काउलेस्सा; भवसिद्धिया अभवसिद्धिया, दो सम्मत्तं,
उन्हीं भवनत्रिक देवोंके पर्याप्तकालसंबन्धी आलाप कहने पर-आदिके चार गुणस्थान, एक संशी-पर्याप्त जीवसमास, छहों पर्याप्तियां, दशों प्राण, चारों संशाएं, देवगति, पंचेन्द्रियजाति, सकाय, चारों मनोयोग, चारों वचनयोग, और वैक्रियिककाययोग ये नौ योग, नपुंसकवेदके विना दो वेद, चारों कषाय, तीनों अज्ञान और आदिके तीन ज्ञान ये छह शान, असंयम, आदिके तीन दर्शन, द्रव्यसे छहों लेश्याएं, भावसे जघन्य तेजोलेश्या; भव्यसिद्धिक, अभव्यसिद्धिक; क्षायिकसम्यवत्वके विना पांच सम्यक्त्व, संशिक, आहारक, साकारोपयोगी और अनाकारोपयोगी होते हैं।
उन्हीं भवनत्रिक देवोंके अपर्याप्तकालसंबन्धी आलाप कहने पर-मिथ्याष्टि, और सासादनसम्यग्दृष्टि ये दो गुणस्थान, एक संशी-अपर्याप्त जीवसमास, छहों अपर्याप्तियां, सात प्राण, चारों संशाएं, देवगति, पंचेन्द्रियजाति, असकाय, वैक्रियिकमिश्रकाययोग और कार्मणकाययोग ये दो योग, नपुंसकवेदके विना दो वेद, चारों कषाय, कुमति और कुश्रुत ये दो अज्ञान, असंयम, चक्षु और अचक्षु ये दो दर्शन, द्रव्यसे कापोत और शुक्ल लेश्याएं, भावसे कृष्ण, नील और कापोत लेश्या, भव्यसिद्धिक, अभव्यसिद्धिक; मिथ्यात्व और सासा.
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नं. १५४
भवनत्रिक देवोंके पर्याप्त आलाप. शु. जी. प. प्रा. सं.) ग. ई.का. । यो. वे. क.। शा. संय.। द. । ले. [म. स. सेशि. | आ.। उ. |
मि. सं.प. प.
.
पचे
स. म. ४ स्त्री.
व. ४ पु.
शान.३ असं. के.द. भा.१ भ.क्षायि. से. अज्ञा.३/ विना ते. अ. विना.
आहा. साका.
अना.
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