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निरुक्त कोश
१२६
नितरां युक्ताः सूत्रेण सह लोलीभावेन सम्बद्धा निर्युक्ता - अर्थास्तेषां
युक्ति:- स्फुटरूपतापादनं
निर्युक्तिः ।
एकस्य
युक्तशब्दस्य
लोषान्निर्युक्तिः ।
( अनुद्वामटी प २३९ )
जिसमें निर्युक्तों / सूत्र के साथ सम्बद्ध जीव आदि का स्पष्ट प्रतिपादन किया जाता है, वह निर्युक्त है ।
निर्युज्यन्ते - निश्चितं सम्बद्धा उपदिश्य व्याख्यायन्ते यकाभिस्ता निर्युक्तयः । ( पिटी प १ )
जिनमें सूत्र के साथ अर्थ का निश्चित सम्बन्ध बताकर उनकी निर्योजना / व्याख्या की जाती है, वे निर्युक्तियां है । सूत्रार्थयोः परस्परं निर्योजनं - सम्बन्धं निर्युक्तिः ।
( आवमटी प १०० )
सूत्र और अर्थ का परस्पर निर्योजन / सम्बन्ध-स्थापन निर्युक्ति
है ।
६६४. णिज्जोग (निर्योग )
निर्युज्यते - उपक्रियतेऽनेनेति निर्योगः ।
( पिटी प १२ )
जिसके द्वारा निर्योग / उपकार किया जाता है, वह निर्योग / उपकरण है ।
६६५. णिज्भवणा ( निर्यापना)
निः-- आधिक्येन यान्ति प्राणिनः प्राणास्तेषां निर्यातां निर्गच्छतां प्रयोजकत्वं निर्यापना | (प्रटी प ७)
जिसमें प्राणियों के प्राण अत्यधिक रूप में निर्गमन करते हैं, वह निर्यापना / हिंसा है ।
६६६. गिट्टित ( निष्ठित)
ण एतीति णिट्टितो ।
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( आचू पू १६७ )
जो गति नहीं करता, स्थिर है, वह निष्ठित है ।
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