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निरक्त काश १०६. णिव्वेय (निर्वेद) निवेदनं निर्वेदः।
(उचू पृ९७) निविण्ण/विरक्त होना निर्वेद है । १०७. णिस? (निसृष्ट) निसर्जनं निसृष्टम् ।
(स्थाटी प ३६) ____ निसर्जन/छोड़ना निसृष्ट है । १०८. णिसिज्जा (निषद्या) निसीयणं निसिज्जा।
(आचू पृ ३१७) ___ जहां बैठा जाता है, वह निषद्या/स्वाध्याय भूमि है। १०६. णिसेह (निषेध) निषेधनं निषेधः।
(प्रसाटी प १९३) निषेध करना निषेध है। ११०. तक्क (तर्क) तर्कणं तर्कः।
(स्थाटी प १६) कैसे ? क्यों ? इस रूप में तर्कणा करना तर्क है। १११. तहक्कार (तथाकार) तथाकरणं तथाकारः।
(स्थाटी प ४७८) आज्ञा के अनुरूप करना तथाकार है। ११२. ताड (ताड) तलणं ताडः।
(सूचू २ पृ ३६०) ताडित करना ताडन है। ११३. तिगिच्छा (चिकित्सा) चिकित्सनं चिकित्सा।
(प्रसाटी प १४७) रोग का प्रतिकार करना चिकित्सा है। ११४. थंभ (स्तम्भ) थंभणं थंभो।
(दअचू पृ २०६) जो जड़ीभूत करता है, वह स्तम्भ/मान है ।
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