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"निरुक्त कोश
१४८. पेक्खणा (प्रेक्षणा)
प्रेक्षणं प्रेक्षणा ।
प्रेक्षण / निरीक्षण करना प्रेक्षा है ।
१४६. बंध (बन्ध )
बंधणं बंधो ।
१५०. बोहि (बोधि ) बोहणं बोही ।
१५१. भव (भव )
बांधता है, वह बन्ध है ।
बोध / जानना बोधि है ।
भवनं भवः ।
: १५२. भव (भव )
भवनं भवः ।
जो विद्यमान रहता है, वह भव / संसार है ।
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उत्पन्न होना भव / जन्म है ।
- १५३. भासा ( भाषा)
भाषणं भाषा ।
जो बोली जाती है, वह भाषा है ।
१५४. भिक्खा ( भिक्षा )
भिक्षणं भिक्षा |
भीख मांगना भिक्षा है ।
: १५५. भोय (भोग)
भोजनं भोगः ।
जो भोगा जाता है, वह भोग है ।
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(ओटी प १३ )
( दअचू पृ २५१ )
( आवहाटी १ पृ १९ )
( आचू पृ १६ )
( स्थाटी प २१३ )
( बृटी पृ ६१ )
( दटी प १४ )
( पंटी प ३६६ )
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