Book Title: Nirukta Kosh
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 376
________________ निरक्त कोश ८. णिग्गम (निर्गम) निर्गमनं निर्गमः । बाहर निकलना निर्गम है । ६६. णिग्गह ( निग्रह ) निग्रहणं निग्रहः । निग्रहण करना निग्रह है । १००. णिज्जरा (निर्जरा ) निर्जरणं निर्जरा । कर्मों का निर्जरण / क्षय होना निर्जरा है । १०१. णिद्दा ( निद्रा ) निद्राणं निद्रा । शयन करना निद्रा है । १०२. निद्दस ( निर्देश ) निर्देशनं निर्देशः । जो निर्दिष्ट होता है, वह निर्देश है। १०३. नियम (नियम) नियमनं नियमः । Jain Education International १०४. गिरोह (निरोध ) निरंभणं निरोहो । रोकना निरोध है । १०५. णिवाय ( निपात) निपतनं निपातः । नीचे गिरना निपात है । १. द्वै - स्वप्ने । जो नियंत्रित / संयमित करता है, वह नियम है । For Private & Personal Use Only ३४५ (ओटी प १४ ) (ओटी प ५ ) ( स्थाटी प १७ ) ( प्रज्ञाटी प ४६७ ) ( स्थाटी प ४०६ ) ( पंटी प १४६ ) ( बूटी पृ २५ ) (आटी प २० ) www.jainelibrary.org

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