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६५८. णिजोग ( नियोग ) अहिगो जोगो निजोगो ।
अतीव योगो नियोगो ।
आत्यंतिक योग नियोग / संबंध है । निश्चितो योगो नियोगो ।
जो निश्चित योग है, वह नियोग है ।
६५. णिज्जरापेहि (निर्जराप्रेक्षिन् )
णिज्जरं पेक्खतीति णिज्जरापेही ।
६६०. णिज्जव ( निर्याप )
६६१. णिज्जावय ( निर्यापक )
( आचू पृ २८६ ) जो निर्जरा को देखता है / चाहता है, वह निर्जराप्रेक्षी है ।
निरुक्त कोश
निश्चितं यापयति प्रायश्चित्तविधिषु याप्यमालोचकं करोति निर्वाहयतीति यावदिति निर्यापः । ( व्यभा ३टी प १८ ) जो प्रायश्चित्त विधि का यापन / निर्वहन कराता है, वह निर्याप / आराधनाकारक है ।
( वृभा १६४ )
६६२. णिज्जुत्त (निर्युक्त )
( आवचू १पू११५ )
निर्यापर्यात तथा करोति यथा गुर्वपि प्रायश्चित्तं शिष्यो निर्वाहयतीति निर्यापकः । ( स्थाटी प ४०६ )
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जो कुशलता से प्रायश्चित्त का निर्यापन / निर्वहन कराता है, वह निर्यापक है ।
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निश्चयेन आधिक्येन सार्थादितो वा युक्ता निर्युक्ताः ।
(सूचू १ पृ ३ ) जो अर्थ के साथ अधिक युक्त / संबद्ध है, वह निर्युक्त है । ६६३. णिज्जुत्ति (निर्युक्ति)
णिज्जुत्ता ते अत्था जं बद्धा तेण होइ निज्जुत्ती । निच्छ्याइजुत्ता सुत्ते अत्था इमीए वक्खाया | तेणेयं निज्जुत्ती निज्जुत्तत्थाभिहाणाओ ||
( आवनि८८ )
( विभा १०८६ )
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