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निरक्त कोश
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जो बालक का धारण/पोषण करती है, वह धात्री/धाय
बच्चों के दुग्धपान आदि के लिए जिसे रखा जाता है, वह धात्री है।
बालक जिसका स्तन-पान करते हैं, वह धात्री है। ८६८. धारणा (धारणा) अवगतार्थविशेषधरणं धारणा ।
(स्थाटी प २७३) ___ अवगत अर्थ को विशेषरूप से धारण करना धारणा/मति
ज्ञान का एक भेद है। ८६६. धिक्कार (धिक्कार) धिगधिक्षेपार्थ एव तस्य करणं-उच्चारणं धिक्कार।।
(स्थाटी प ३८२) तिरस्कार को दिखाने के लिए 'धिग्' शब्द का उच्चारण
करना धिक्कार है। ८७०. धीर (धीर)
धोः बुद्धिः सा जस्स अत्थि सो धीरो।' (दअचू पृ १७६) धीः बुद्धिः इत:-परिगतः तया इति धीरः। (उचू पृ ३५)
जो धी/बुद्धिसम्पन्न है, वह धीर है। धी:-बुद्धिस्तया राजन्त इति धीराः। (आवचू २ पृ २५४)
जो धी/बुद्धि से राजित/सुशोभित होता है, वह धीर है । बुड्यादीन् गुणान् दधातो धीरः। (सूचू १ पृ २१)
जो बुद्धि आदि गुणों को धारण करता है, वह धीर है। ८७१. धुत (धुत)
जो विहुणइ कम्माई 'धुयं तं वियाणाहि। (आनि २५२) १. धियमीरयतीति धीरः । (अचि पृ ८०) २. 'धीर' का अन्य निरुक्त-धियं रातीति धीरः। (वा पृ ३८६६)
जो धी/विवेक देता है, वह धीर है । (रांक्-दाने)
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