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दोनों सदस्य एक-दूसरे के मध्य तादात्म्य का अनुभव करते हैं, तब ही दोनों के । व्यक्तित्व का समग्र विकास होता है, किन्तु वे ही जब एक-दूसरे का निरादर करते हैं अथवा एक-दूसरे पर अधिकार जताने का प्रयत्न करते हैं तो विवाह सम्बन्ध भी अभिशाप बन जाता है। 2
परिवार के सदस्यों के व्यक्तित्व में जब मतभेद उत्पन्न हो जाता है एवं जब वे एक-दूसरे की भावनाओं को समझने का प्रयास नहीं करते तो पारिवारिक सम्बन्धों में तनाव उत्पन्न हो जाता है।
परिवार में तनाव उत्पन्न होने के वैयक्तिक कारण निम्न हैं -
1. व्यक्तित्व की विभिन्न संरचनाऐं।23
परिवार के सदस्यों के व्यक्तित्व में उत्पन्न हुई मनोविकृतियाँ । 3. परिवार के सदस्यों के स्वभाव में विपरीतता। 4. सदस्यों के मध्य समन्वय का अभाव। 5. एक-दूसरे के प्रति व्यवहार के भिन्न तरीके।
परिवार के मुखिया या माता-पिता में अन्य सदस्यों पर अत्यधिक अनुशासन की प्रवृत्ति। .
सदस्यों में पारस्परिक सम्बन्धों को समझने का अभाव । 8. सदस्यों में सहयोग व सामंजस्य का अभाव। 9. सहनशीलता का अभाव। 10. सदस्यों के वैचारिक मतभेद। 11. एक-दूसरे में ईर्ष्या की प्रवृत्ति होना। 12. सदस्यों में अहंकार की वृत्ति उग्र होना। 13. एक-दूसरे के प्रति विश्वास की कमी। 14. रूचि-भेद । 15. सदस्यों में स्वार्थी होने की प्रवृत्ति का विकास।
22 Hornell and Ella Hart, Unsuccessful Marrige" in the wolrd tomorrow (1927) 23 पारिवारिक शांति और अनेकान्त – डॉ. बच्छराज दुग्ड़, पृ. 18 24 पारिवारिक शांति और अनेकान्त - डॉ. बच्छराज दुग्ड़, पृ. 18 25 परिवार के साथ कैसे रहें ? - आचार्य महाप्रज्ञ, पृ. 22
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