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3. मानसिक एकाग्रता आती है।
4. इस आसन से उच्चकोटि का कायोत्सर्ग किया जा सकता है।
2. ताडासन -
ताड़, समुद्र के किनारे पर पाया जाने वाला प्रलम्ब पेड़ होता है। पंजों पर खड़े होकर हाथों को ऊपर की ओर फैलाने से शरीर की आकृति ताड़ के पेड़ जैसी हो जाती है, इसलिए इसे ताड़ासन कहते हैं।
विधि - भूमि पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों को मिलाएं। हाथों को सिर के दोनों ओर ऊपर उठाएं और पंजों पर खड़े होकर हाथों को तनाव दें। तनाव देते समय श्वास भरें। हाथ नीचे लाते समय श्वास छोड़ें। समय - आधा मिनट से तीन मिनट। शीर्षासन का विपरीत आसन भी है। शीर्षासन का दो तिहाई समय इसमें लगाएं। लाभ – ऊँचाई बढ़ती है। कब्ज दूर होती है। पेट और कूल्हों की स्थूलता घटती है। आलस्य दूर होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह विशेष
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