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कषायों के ये चार भेद कषायों के स्तर को ही बताते हैं। तीव्रतम, तीव्र, मंद और मन्दतम की अपेक्षा से ही कषायों के ये चार भेद किए गए हैं और ये ही चार स्तर तनाव के भी होते हैं। कषाय जितना तीव्रतम होगा, व्यक्ति के तनाव का स्तर भी उतना ही ज्यादा होगा।
क्र
कषाय
कषाय का
तनाव का स्तर
- स्तर
1. अनन्तानुबंधी
तीव्रतम
2. अप्रत्याख्यानी
तीव्र
तीव्रतम (व्यक्ति का मानसिक संतुलन खो जाना) तीव्र (मानसिक संतुलन का विकृत होना). मानसिक संतुलन को बनाए रखने का |
3. | प्रत्याख्यानावरण
मन्द
प्रयास .
4. | संज्जवलन
मन्दतम
तनाव बिल्कुल मन्दतम (मानसिक संतुलन बना रहता है।)
कषायों के विभिन्न प्रकार और तनाव - (अ) क्रोध -
क्रोध एक मानसिक आवेग है, जो शारीरिक गतिविधियों द्वारा प्रकट होता है। क्रोध व्यक्ति की तनावग्रस्तता का सूचक कहा जाता है, क्योंकि तनावग्रस्त व्यक्ति के मनोभावों की अभिव्यक्ति क्रोध के माध्यम से होती है। क्रोध में व्यक्ति विवेकशून्य हो जाता है। तनावग्रस्त व्यक्ति जितना क्रोध करता है, उतना ही उसक तनाव बढता जाता है। क्रोध एक ऐसा मनोविकार है, जिसके उत्पन्न होने पर शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही संतुलन विकृत हो जाते हैं। व्यक्ति को इतना भी विवेक नहीं रहता है कि वह क्या कर रहा है, या क्या बोल रहा है ? क्रोध भी तभी उत्पन्न होता है जब व्यक्ति की इच्छाओं आकांक्षाओं की पूर्ति नहीं होती अथवा उनकी पूर्ति में बाधा उपस्थित की जाती है या फिर जब उसके
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