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3. मानसिक विधियाँ
अ. एकाग्रता. ब. योजनाबद्ध चिन्तन. स. सकारात्मक सोच द. आत्म-विश्वास ई. पुरूषार्थ जगाए.
फ. कठिन परिश्रम 4. मनोवैज्ञानिक विधियाँ -
अ. प्रत्यक्ष विधियाँ. 'ब. अप्रत्यक्ष विधियाँ.
1. शारीरिक विधियाँ -
तनाव प्रबंधन के लिए शारीरिक विधियाँ क्यों और कैसे प्रभावी होती है? इसे जानने के पूर्व यह जानना आवश्यक है कि तनाव और शरीर का संबंध क्या है ?
प्रस्तुत अध्याय से हमारा विवेच्य विषय है- तनाव प्रबंधन। तनाव प्रबंधन के लिए शरीर, आहार, श्वासोच्छवास और मन को साधना बहुत जरूरी है। उन्हें साधे बिना तनाव प्रबंधन सम्भव नहीं है। तनाव प्रबंधन का मुख्य लक्ष्य होता है, आत्मा, शरीर एवं मन को अपने स्वाभाविक दशा में लाना। उन्हें वैभाविक स्थिति से स्वाभाविक स्थिति में लाना। मनुष्य के लिए शरीर एक उपहार है। हम शरीर को अपनी स्वाभाविक दशा में रखकर तनावों से मुक्ति प्राप्त कर सकते है। स्वस्थता ही शरीर का स्वभाव है, वह एक आंतरिक व्यवस्था है, स्वशासित है। रोग शरीर में बाहर से आते है। वे शरीर की विभावदशा या विकृति के सूचक है और यह विभावदशा दैहिक तनावों को उत्पन्न करती है। तन और मन स्वस्थ रहे, अर्थात् अपने में रहे तो व्यक्ति तनाव मुक्त रहेगा। स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मन, तनाव मुक्ति की प्राथमिक शर्त है।
4. Gates and others - Educational Psychology, Page-692.
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