________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुवादक वालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी 89 दव्वनामे ? दव्वनामे ! छव्यिहे पण्णचे तंजहा-धम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकाए, आगासस्थिकाए, जीवत्थिकाए, पुग्गलत्थिकाए, अडासमएय स तं दव्वनामे // 105 // से किं तं गुणनामे ? गुणनामे ! पंचविहे पण्णत्ते तंजहा-वण्णनामे, गंधनामे, रसनामे, फासनामे, संगाणणामे, // से किं तं बजनामे ? वण्णनामे पंचविहे पण्णत्ते तंजहा- कालवण्णनामे, णीलवण्णनामे, लोहियवण्णनामे, हालिद्द, घण्णनामे, सुकिल्लवण्णनामे, से तं वणनामे // से किं तं गंधनामे ? गंधनामे दुविहे पण्णत्ते तंजहा-सुरभिगंधनामे, दुराभिगंधनामेय, से तं गंधनामे / / से किं अहो शिष्य ! द्रव्य नाम के छ भेद कहे हैं तद्यथा-धर्मास्तिकाया अधर्मास्तिक या, आकाशास्तिकाया, एनीवास्तिकाया. पुनलास्तिकाया व अद्धाममय. यह द्रव्य नाम हुवा // 15 // अहो भगवन् ! गुण नाम किसे कहते हैं ? अहो शिष्य ! गुणनाप के पांच भेद कहे हैं तद्यथा-वर्ण नाम, गंध नाम, रस, नाम, स्पर्श नाम व संस्थान नाम. इस में से वर्ण नाम किसे कहते हैं ? अहो शिष्य ! वर्ण नाम के पांच भे; कहे हैं तद्यथा-१ कृष्ण वर्ण नाम, 2 नील वर्ण नाम, 3 रक्त वर्ण नाम, 4 पीत वर्ण नाम है और 5 शुक्ल वर्ण नाम. यह वर्ण नाम का कथन हुना. अहो भगवन् ! गंध नाम किसे कहते हैं ! अहो न शिष्य! गंध नाम के दो भेद कहे हैं. तद्यथा-मुरभिगंध नाम प दुरभिगंध नाम. रस नाम किसे प्रकाशक-रानावहादुर लाला मुखदेवसहायजी ज्वालामसादजी. अर्थ For Private and Personal Use Only