________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अजीवस्तवा,जीवाणं या,अजीवाणं वा तदुभयरस वा तदुभयाणं वा पमाणेत्ति नाम / कजति,से तं णामप्पमाण // 133 // से किं तं ठत्रणप्पमाणे ? ठवणप्पमाणे सप्ताह पष्णते तंजहा-१ खतं.२ देवय.: कले.४ पासंड. 5 गणे. 6 जोवियाहेउ, 7 अभिप्पाइय / / 134 ॥से किं तं णक्खत्ते नामे ? पदखत्त नाम 1 कत्तियाहिं जाएकत्तिए 2 कत्तियादिन्ने, 3 कत्तिया धम्मे, 1 कत्तिया सम्मे, 5 कान्तियादवे, 6 कत्तिया दासे. 7 कत्तियासेणे. 8 कत्तियारक्खिए, अर्थ/ अनादक बाल ब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी प्रमाण. अहो भगवन् ! नाम प्रमाण किसे कहते हैं ? अहो शिप्य ! जिस एक जीव वा, अथवा एक अजीव का, बहुत जीव का अथवा बहत अनीव का, अथवा एक जीव अजीव मीश्र का अथवा बहुत जीव अजीव मीश्र का प्रमाण ऐसा नाम स्थापन करे उसे प्रमाण नाम कहना. // 13 // अहो भगवन् ! स्थापना नाय किसे कहते हैं ? अहो शिष्य ! स्थापना नाम सात प्रकार का का है. तद्यथा-१ नक्षत्र नाम, 2 देव नाम, 3 कुल नाम, 4 पाखंड नाम 5 गण नाम. 6 आजीविका नाम, और 7 अभिमाय नाम. यह स्थपना नाम सात प्रकार का // 134 // अहो भगवन् ! नक्षत्र नाम किसे कहते हैं ? अहो शिष्य ! नक्षत्र नाम जैसे कृत्तिका के जन्मे हुए 1 कार्तिकी, 2 कार्तिकी दिन, कार्तिक धर्म, 4 कार्निक शर्म. 5 कार्तिक देव, 6 कार्तिक दास, 7 कार्तिक सेन 8 कार्तिक रक्षित. .प्रकाशक-गजाब दुर लाला मुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी * * For Private and Personal Use Only