________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सेतं दबसंजोगे // 129 // से किंतं देत्तसंजोगे ? खत्तसंजोग, भग्हेरखए, हेमवए हिरणवए. हरिवाले, रम्मगवासए देवकु, उत्तरहरुए. पु. विदेहए. अरविदेहए अहवा मागहए, मालथए, संस्, माह कुरा बोलए. खेतं तसंजोगे मर, दुसन सुम, दुलम. दुम दुरमा ! ता. पारस, सारदर, बजा नाशिक शहराते हैं 3 बार के योग से जो मानो का मीत्र संबोज का नाम से on, कहा जाता है. यह द्रव : संयोग ल न मा. // 1 मा परेन को? अहो प्पिा मोरया ९वती देगा। एरणयी हरिवासी. पो . : ... मोदर कोमा गर्व मालय देश वासी को माननीय नाकाको श्रीका देश वासी को गाय की नीति के योग से काम हो / यही क्षेत्र संयोग नःप का कथन हुआ. 130 // मनन ! काल संयोजक नान किसे कहते हैं ? अहो शिष्य ! भुषमा भुमी आरे में उत्पनर को तुपमा सुनी ऐसे ही सगी माला सुएमी, सपमा दुधमी, दुधमी और दुषमा दुयमी अथवा मा ऋतु के जन्मे को पारसी, वर्षा ऋतु के जन्मे " अनुवाइकवालग्रह्मचारी मानश्री अभय मनिजी * प्रकाशक-राजाय तदुर ला मुबवराह यगी ज्यालासाद, For Private and Personal Use Only