________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - कम्ममासओ, मंडलओ, सुवण्णो, // पंचगुंजाओ, कम्ममासओ, चत्तारि कांगाणाओ कम्ममासओ, तिगि निःफावा कम्ममासओ, एवं चउको कम्भमास ओ, वारस कम्ममास्या मंडलओ, एवं अडयालीसाओ, कागणीओ, मडलआ, सोलस कम्म मासया सवण्णो, एवं चउसट्रि कागणीउ सवण्णी, एएणं पडिमाण पमाणेणं किं पउयणं ? एएणं षडिमाण प्पमाणेणं सुवण्ण रजत मणि मोत्तिय संख सिलप्पवाला दीण दवाणं डिमाण पमाण निवत्त लक्खग भवति, से तं पडिमाणे // से तं विभाग निष्फन्न // से तं दबष्यमाणे // 8 // से किं तं खत्तप्पमाणे? खेत. अर्थ | सो प्रतिमान प्रमाण कहिये तयथा-गंजा (चिरमी) सवागुंजा की कांगनी,निफाव, तीन निफाव का एक मासा, बारेमासा एक मंडलिक. सोले कर्भ मासा, चार कांगनी एकमामा तीन निफाव, एक कर्म मासा, चार कागुनी से निष्पन्न चत कर्म मासा, का बारे कर्म मासा एक मंडलक, यों अडतालीस कागुनी का एक मंडलक जानना, सोले कर्म मासा का एक सौनइया. चौसठ कांगुनी का एक सानैना. अहो. भगवन् ! इस प्रतिमान प्रपाण से क्या प्रयोजन है ? अहो शिष्य इस प्रतिमान प्रभाकर सुवर्ण. चान्दी, Sto माण. मोती शंख दक्षिणावर्त) सिल्ल. प्रवाल, आदि द्रव्य का प्रमाण रूप निवाति लक्षण होता है. यह प्रतिमान प्रान हुवा / / और यह विभाग निभाग भीहवा / और यह द्रव्य प्रमान भी हुवा // 8 // T एकत्रिंशत्तब-अनुयोगद्वार सूत्र-चतुर्थ मूल. 2008 प्रमाण का विषय 428420 For Private and Personal Use Only