________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 098 एकत्रिंशत्तम्-अनुयोगद्वार सूत्र-चतुथ मल 4880 तिष्णिवास सहस्साइं, अपज्जत्तग बादर वाउकाइयाणं जहन्नेजवि अंतोमुहुसं उक्कोसेणंवि अंतोमुहुत्तं. पज्जत्ता बादर वाउकाइयाणं जहन्नं अंओगटतं को सेणं तिण्णिवास सहस्साइं अंतोमुत्तुणाई, वणस्सइ कइयाणं जमत दसवाससहस्साई, मुहुमवणस्सइ काइयाणं ओहियाणं अपज्जतगाणं पजस गाणय तिण्हंवि जहन्नेणवि अंतोमुहुतं उक्कोसेणवि अंतोमुहुतं, वादग्वणस्सइ काइयाणं जहन्नं अंतोमुहत्तं उक्कोसं दसवाससहस्साइं, अपजत्तग चादरवणस्सइ काइयाणं जहन्नेणवि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं, पजत्तग यादरवणसर, काइयाणं अपर्याप्त पर्याप्त की जघन्य उत्कृष्ठ अन्तर मुहूर्त की. बादर वायुकाय की जघन्य अन्तर मुहूर्त की उत्कृष्ट तीन हजार वर्ष की. बादर वायु काय के अपर्याप्त की जन्य उत्कष्ट अन्तर मुहूर्त की बादर वायुकाय के पर्याप्त की जघन्य अन्तर मुहुर्त की उत्कृष्ट तीन हजार वर्ष अन्तर मुहूर्त कम की समुचय वनस्पति काय की जघन्य अन्तर मुहूर्त की उत्कृष्ट दश हजार वर्ष की. सूक्ष्म वनस्पति काय की, मूक्ष्मवनस्पति के अपर्यात की और पर्याप्त की जवन्य उत्कृष्ट अन्तर मुहूर्त की, बादर बनस्पति काय की जघन्य अन्तर 0 मुहूर्त की उत्कृष्ट दश हजार वर्ष की. बादर वनस्पति काय के अपर्याप्त की जघन्य उत्कृष्ट अन्तर पुहूर्त की चादर वनस्पनि काय के पर्याप्त की जघन्य अन्तर मुहूर्त उत्कृष्ट दश हजार वर्ष में अन्तर पुहूर्त / / प्रमाण का विषय अर्थ 800 498 For Private and Personal Use Only